

उत्तर प्रदेश ATS ने औरैया से फर्जी आधार कार्ड रैकेट में लिप्त गौरव कुमार समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता था। ATS ने हाई-टेक उपकरण और सैकड़ों जाली दस्तावेज बरामद किए हैं। यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
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Auraiya उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने एक अंतरराज्यीय फर्जी दस्तावेज गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस गिरोह के तार बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को फर्जी आधार कार्ड और सरकारी दस्तावेज उपलब्ध कराने से जुड़े पाए गए हैं।
इस अभियान के तहत औरैया जनपद के फफूंद थाना क्षेत्र से गौरव कुमार गौतम को गिरफ्तार किया गया है। गौरव के साथ-साथ गिरोह के मुख्य सरगना मोहम्मद नसीम सहित कुल 9 लोगों को यूपी, बिहार, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिम बंगाल में एक साथ की गई छापेमारी में पकड़ा गया।
हाई-टेक तकनीक से चल रहा था फर्जीवाड़ा
ATS के मुताबिक यह गिरोह उन्नत तकनीकों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पते के प्रमाण और अन्य दस्तावेज तैयार करता था। इन दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्या, बांग्लादेशी और नेपाली नागरिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे, पासपोर्ट बनवा रहे थे और भारत में स्थायी निवास ले रहे थे।
क्या मिला छापेमारी में?
ATS ने छापेमारी के दौरान हाई-टेक लैपटॉप, फिंगरप्रिंट स्कैनर, वीपीएन से संचालित मोबाइल फोन, सैकड़ों फर्जी दस्तावेज, जाली मोहरें और आधार डेटा से छेड़छाड़ के उपकरण बरामद किए हैं।
औरैया में भी हलचल, SWAT टीम सक्रिय
गौरव कुमार की गिरफ्तारी के बाद औरैया पुलिस और SWAT टीम भी सक्रिय हो गई है। टीम ने आरोपी के आवास पर पहुंचकर उसकी संपत्ति, दस्तावेजों और स्थानीय नेटवर्क की गहनता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस को संदेह है कि स्थानीय स्तर पर कई अन्य लोग इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।
गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मामला
ATS अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह आधार कार्ड डेटाबेस में सेंधमारी कर डेटा में फेरबदल करता था, जिससे घुसपैठियों को वैध भारतीय नागरिकता के समान दस्तावेज प्राप्त हो जाते थे। इस प्रकार के फर्जी दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
केस दर्ज और पूछताछ जारी
इस गिरोह के खिलाफ 20 अगस्त 2025 को एक विस्तृत FIR दर्ज की गई थी, जिसके आधार पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। गौरव कुमार सहित सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिससे इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों और फाइनेंसरों तक पहुंचा जा सके।