

त्योहार आने से पहले ही खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले बढ़ जाते हैं, जो कि बेहद खतरनाक होता है। जिले में रक्षाबंधन से पहले पहले खाद्य विभाग की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। खाद्य विभाग विभाग ने सात दुकानों से मिठाइयों के सेंपल लिए हैं।
रक्षाबंधन से पहले मिठाई की दुकानों पर छापेमारी
Raebareli: रक्षाबंधन जैसे बड़े त्योहार से पहले खाद्य विभाग ने मिठाई बेचने वाली दुकानों में छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया है। विभाग ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में सात मिठाई दुकानों से कुल 9 मिठाई के नमूने लिए हैं, जिनकी जांच के बाद अगर गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई केवल रायबरेली शहर तक सीमित नहीं रही बल्कि विभिन्न तहसीलों तक फैली हुई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लालगंज क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा विभाग ने रक्षाबंधन पर्व के मद्देनजर मिठाइयों की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के तहत जनता बाजार, बेनीमाधवगंज और गंगापुर चौराहे के प्रमुख मिठाई विक्रेताओं की दुकानों पर छापेमारी की गई। मिठाइयों के साथ-साथ तीन अलग-अलग स्थानों से मैदा (फ्लोर) के नमूने भी लिए गए।
खाद्य विभाग ने लिए सैंपल
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जनता बाजार स्थित “ऊं पेड़ा शानू स्वीट्स” से मिल्क केक, “मां काली स्वीट्स” से कालाजाम और छेना, “प्रिंसी स्वीट हाउस” गंगापुर चौराहे से छेना, “नागेश्वर धाम स्वीट्स” जनता बाजार से खोया, “बालाजी स्वीट्स” जनता बाजार से बूंदी का लड्डू और बेनीमाधवगंज की “कल्लू स्वीट्स” से छेना और मिल्क केक के नमूने एकत्रित किए।
प्रयोगशाला भेजे गए सैंपल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरेंद्र सिंह ने बताया कि सभी नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। यदि रिपोर्ट में मिठाइयों या मैदे की गुणवत्ता में कोई खामी पाई जाती है तो विभाग नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि त्योहारों के सीजन में यह अभियान जारी रहेगा ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री मिल सके।
त्योहार पर मिलावटखोरी के मामलों में बढ़ोत्तरी
त्योहारों के दौरान बाजार में मिठाइयों और खाद्य वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है, जिससे मिलावटखोरी के मामले भी बढ़ जाते हैं। खासतौर पर दूध, घी, पनीर, मावा और खोया जैसी वस्तुओं में मिलावट सबसे ज्यादा पाई जाती है। ये मिलावटी वस्तुएं न केवल उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ डालती हैं बल्कि सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं। तेल और मैदा भी इस मिलावट से अछूते नहीं हैं। इसके कारण त्योहारों के मौसम में घर पर बनाए जाने वाले पकवान भी कभी-कभी मिलावट की समस्या से मुक्त नहीं रह पाते। इसलिए विशेषज्ञ डॉक्टर त्योहारों के समय बाहर से बनी चीजों के सेवन से बचने की सलाह देते हैं।