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रायबरेली के राजकीय आईटीआई में बाल विवाह मुक्त भारत 100 दिवसीय अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। छात्रों को कानून, सजा और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर बाल विवाह रोकने की शपथ दिलाई गई।
जागरूकता अभियान
Raebareli: रायबरेली में बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ ठोस कार्रवाई और जागरूकता की मुहिम तेज हो गई है। सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत लक्ष्य को जमीन पर उतारने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहा है। इसी क्रम में महिला कल्याण विभाग की टीम ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली में 100 दिवसीय अभियान के तहत एक प्रभावशाली जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
प्रशासनिक निर्देशों में हुआ आयोजन
यह कार्यक्रम जिलाधिकारी हर्षिता माथुर और मुख्य विकास अधिकारी अंजूलता के निर्देशानुसार तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा के मार्गदर्शन में महिला कल्याण विभाग की हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ वूमेन टीम द्वारा आयोजित किया गया। आयोजन का उद्देश्य युवाओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराना और समाज में बदलाव की मजबूत नींव रखना रहा।
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बाल विवाह बच्चों का भविष्य छीन लेता है
कार्यक्रम के दौरान जिला मिशन कोऑर्डिनेटर शेफाली सिंह ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को पूरी तरह प्रभावित करता है। कम उम्र में शादी होने से बच्चों का बचपन खत्म हो जाता है और उनका पूरा जीवन संघर्षों से भर जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि 18 वर्ष से पहले शादी करने वाली लड़कियों में घरेलू हिंसा का खतरा अधिक होता है और उनके पढ़ाई छोड़ने की आशंका भी बढ़ जाती है।
कानून सख्त, सजा भी तय
शेफाली सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि बाल विवाह करना कानूनन अपराध है। यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करता है तो उसे एक लाख रुपये तक का जुर्माना, दो वर्ष तक का कठोर कारावास या दोनों सजाएं हो सकती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि परिवार, समाज और समुदाय की सामूहिक भागीदारी से ही बाल विवाह का पूरी तरह से अंत संभव है।
शादी की वैधानिक उम्र पर दिया गया जोर
जेंडर स्पेशलिस्ट पूजा तिवारी ने बताया कि कानून के अनुसार लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष तय की गई है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे खुद भी जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करें ताकि किसी भी बच्चे का भविष्य अंधकार में न जाए।
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बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं और स्टाफ ने बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। सभी ने संकल्प लिया कि वे अपने परिवार, पड़ोस और समुदाय में बाल विवाह रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और किसी भी प्रयास की सूचना पंचायत या सरकार को देंगे।
सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
इस मौके पर बच्चों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, वन स्टॉप सेंटर, बाल सेवा योजना, स्पॉन्सरशिप योजना, 181 महिला हेल्पलाइन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और निराश्रित महिला पेंशन योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी भी दी गई। कार्यक्रम में संस्थान के अध्यापक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।