

उन्नाव जिले में लगातार बारिश और गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। तटीय इलाकों में पानी भरने से सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है और फसलें डूब गई हैं। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और नावों की व्यवस्था की गई है। जलस्तर बढ़ने से प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए बचाव कार्य तेज किए गए हैं।
गंगा के जलस्तर के बढ़ने से उन्नाव में बाढ़ का खतरा
Unnao: उन्नाव जिले में लगातार हो रही बारिश और गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण बाढ़ का खतरा गंभीर हो गया है। शनिवार रात से सोमवार सुबह तक गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी फैल चुका है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, शनिवार शाम 6 बजे गंगा का जलस्तर 111.990 मीटर था, जो चेतावनी बिंदु से महज एक सेंटीमीटर नीचे था। रात 12 बजे के आसपास जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया। रविवार सुबह 8 बजे यह 112.040 मीटर और दोपहर तक बढ़कर 112.110 मीटर हो गया। शाम 6 बजे तक यह जलस्तर 112.160 मीटर तक पहुँच गया और सोमवार सुबह 112.270 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण गंगा नदी के तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी भरने लगा है।
ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का असर
बाढ़ के पानी का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी क्षेत्र के शाही नगर, गोताखोर, मोम्मद नगर, चंपापुरवा, मनसुख खेड़ा और कर्बला जैसे इलाकों में हुआ है। इन इलाकों में घरों के अंदर पानी घुस गया है, जिससे लोग अपने घरों की छतों पर रह रहे हैं। पानी की आवागमन में रुकावट के चलते प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है। एक दर्जन नावों की व्यवस्था की गई है ताकि प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।
Img- Internet
कृषि क्षेत्र में भारी नुकसान
बाढ़ का असर कटरी क्षेत्र के किसानों पर भी पड़ा है। यहां के खेतों में खड़ी सब्जियों की फसलें डूब चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही पोनी रोड के तटीय इलाके रविदास नगर, मालवीय नगर, श्रीनगर, इंद्रा नगर और प्रेम नगर तक पानी फैल चुका है। इसके साथ ही गगनी खेड़ा और फत्तेपुर जैसे गांवों में भी जलभराव हो गया है।
बिजली आपूर्ति पर असर
जलस्तर बढ़ने के कारण पश्चिमी क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में बिजली के पोल और तारों तक पानी पहुंच गया है। इस कारण बिजली विभाग ने एहतियातन लगभग आधा सैकड़ा घरों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। बिजली की आपूर्ति बंद करने का उद्देश्य दुर्घटना के खतरे से बचना है।
प्रशासन का राहत कार्य
प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं। नावों के जरिए पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। साथ ही, बचाव दल भी तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है, और तटीय इलाकों में अब भी राहत कार्य जारी हैं।