Fatehpur News: विकासखंड बहुआ के करसवां गांव का मिनी सचिवालय में लटक रहा ताला, जानें पूरी खबर

विकासखंड बहुआ अंतर्गत करसवां गांव में स्थापित मिनी सचिवालय पर लंबे समय से ताला लटका हुआ है, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सरकारी कार्यों के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 17 June 2025, 9:30 PM IST
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फतेहपुर: विकासखंड बहुआ अंतर्गत करसवां गांव में स्थापित मिनी सचिवालय पर लंबे समय से ताला लटका हुआ है, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सरकारी कार्यों के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, मिनी सचिवालय ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था, जहां से वे जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र, जन्म - मृत्यु प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन, राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन पिछले कई सप्ताहों से यह कार्यालय बंद पड़ा है।

स्थानीय लोगों की व्यथा

गांव निवासी पवन कुमार ने बताया, “हम दस दिन से परिवार रजिस्टर के लिए चक्कर लगाते हैं लेकिन सचिवालय में कोई नहीं मिलता। दूर-दराज के बुजुर्ग लोग जब यहां पहुंचते हैं और ताला देख वापस लौटते हैं, तो बहुत दुख होता है।” महिलाएं भी इस असुविधा से खासा परेशान हैं। एक ग्रामीण युवक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वृद्धा पेंशन का फॉर्म जमा करने के लिए कई दिनों से चक्कर काट रहा है, लेकिन महीनों से कोई सुनवाई नहीं हो रही।”

प्रशासन से शिकायत, पर कार्रवाई नहीं

ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार विकासखंड कार्यालय और ग्राम प्रधान को अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

प्रशासनिक उदासीनता या जिम्मेदारी का टाल-मटोल?

सूत्रों की मानें तो संबंधित लेखपाल और सचिव उमेश कुमार, पंचायत सहायक पारुल सिंह की उपस्थिति नियमित नहीं है। छुट्टी पर होने या दूसरी जगह ड्यूटी लगाए जाने का हवाला देकर जिम्मेदारी से बचा जा रहा है।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि सचिवालय को तत्काल चालू किया जाए। जिम्मेदार कर्मचारी की नियमित तैनाती हो। लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

जब इस संबंध में बहुआ विकासखंड के खंड विकास अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल से बातचीत किया गया तो बताया कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। एडीओ पंचायत से जांच करवाकर सचिवालय का ताला खुलवाया जाएगा। दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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