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फतेहपुर जिला अस्पताल में रविवार को नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम ने औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत परखी। खास बात यह रही कि निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों ने स्वयं रक्त परीक्षण कराकर लैब की कार्यप्रणाली जांची।
जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण
Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला अस्पताल में रविवार को उस समय हलचल मच गई, जब नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की टीम ने बिना पूर्व सूचना के औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य अस्पताल में दी जा रही चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और जमीनी हकीकत को परखना था।
एनएमसी की टीम में शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज से आए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अमित सक्सेना (एचओडी) और डॉ. विशाल गिरी (एचओडी फार्माकोलॉजी) शामिल रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, निरीक्षण के दौरान टीम ने अस्पताल के प्रमुख और संवेदनशील विभागों का बारीकी से जायजा लिया। ट्रॉमा सेंटर, ब्लड बैंक, पैथोलॉजी लैब, आईसीयू और अन्य वार्डों में उपलब्ध सुविधाओं, उपकरणों की स्थिति, साफ-सफाई और मरीजों के इलाज की प्रक्रिया को गंभीरता से परखा गया। टीम ने मरीजों और तीमारदारों से बातचीत कर यह जानने की भी कोशिश की कि उन्हें अस्पताल में किस प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं।
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निरीक्षण की सबसे खास और चर्चा में रहने वाली बात यह रही कि एनएमसी टीम ने केवल कागजी जांच तक खुद को सीमित नहीं रखा। आईपीएचएल पैथोलॉजी लैब में टीम के सदस्यों ने स्वयं अपना रक्त निकलवाकर जांच कराई। इस कदम का उद्देश्य जांच प्रक्रिया, रिपोर्टिंग सिस्टम और लैब की वास्तविक कार्यकुशलता को परखना था। टीम की इस पहल से अस्पताल स्टाफ में हलचल देखी गई और निरीक्षण की गंभीरता साफ झलकती रही।
सूत्रों के अनुसार, जिला अस्पताल में बाहरी दवाएं लिखे जाने, मरीजों को निजी जांच केंद्रों की ओर भेजे जाने और कथित दलालों की सक्रियता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एनएमसी द्वारा यह औचक निरीक्षण किया गया। टीम ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रशासन में व्यवस्थाओं को सुधारने को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। कर्मचारियों को साफ-सफाई, समयबद्ध जांच रिपोर्ट और मरीजों से बेहतर व्यवहार को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि एनएमसी की रिपोर्ट के आधार पर आगे और भी कार्रवाई हो सकती है।