

देश के अन्नदाता आज भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहें है। किसान अब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को उतर आए है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
देश में किसान परेशान
मैनपुरी: देश को भले ही कृषि प्रधान राष्ट्र कहा जाता हो, लेकिन अन्नदाता किसान आज भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। मंहगी खाद, डीजल, पानी और फसलों के सही मूल्य नहीं मिल रहें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इन सभी चुनौतियां किसानों की जिंदगी को दिन-ब-दिन कठिन बनाती जा रही हैं।
मैनपुरी में किसानों का जोरदार प्रदर्शन
इन्हीं समस्याओं के खिलाफ मैनपुरी जिले के तिकोनिया पार्क में आज भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले सैकड़ों किसानों और पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। किसानों का कहना था कि सरकार लगातार उनके हितों की अनदेखी कर रही है।
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकारें किसान विरोधी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार केवल उद्योगपतियों के फायदे के लिए काम कर रही है और किसानों को बार-बार वादे करके उन्हें धोखा दे रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने खेती और किसानी को घाटे का सौदा बना दिया है।
मांगों को लेकर राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
किसानों ने प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। इस ज्ञापन में किसानों ने कई प्रमुख मांगें उठाईं जैसे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, मुफ्त सिंचाई की सुविधा, बिजली दरों में कटौती, कृषि उपकरणों पर सब्सिडी और फसल बीमा योजना में पारदर्शिता।
आंदोलन की दी चेतावनी
भाकियू (टिकैत) के पदाधिकारियों ने साफ चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं कीं तो वे सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनका कहना था कि यह सिर्फ शुरुआत है और अगर सरकार नहीं चेती तो यह आंदोलन जिला से राजधानी तक पहुंचेगा। किसानों का यह आंदोलन एक बार फिर यह संकेत देता है कि देश की कृषि नीति में सुधार की आवश्यकता है।