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नोएडा के सेक्टर-66 में एक निजी अस्पताल की ऑक्सीजन पाइपलाइन फटने से रविवार दोपहर अफरा-तफरी मच गई। धमाके के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई और वेंटिलेटर पर भर्ती 45 वर्षीय मरीज की मौत हो गई।
ऑक्सीजन लाइन ब्लास्ट के बाद अस्पताल में भगदड़
Noida: नोएडा के सेक्टर-66 स्थित एक निजी अस्पताल में रविवार दोपहर बड़ा हादसा टलते-टलते रह गया। अस्पताल के वार्ड में ऑक्सीजन पाइपलाइन अचानक फटने से अफरा-तफरी मच गई। धमाके जैसी आवाज और धुएं के कारण मरीज और उनके परिजन घबराकर बाहर की ओर भागने लगे। इस दौरान वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई, जिससे वेंटिलेटर पर भर्ती 45 वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई। हालांकि, मृतक के परिजन ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है और वे शांति से शव लेकर बिजनौर रवाना हो गए।
दो दिन पहले सांस लेने में हुई थी तकलीफ
मृतक की पहचान नरेश चौधरी (45 वर्ष) के रूप में हुई है, जो बिजनौर जिले के रहने वाले थे। उनके बेटे प्रदीप कुमार ने बताया कि दो दिन पहले उनके पिता को सांस लेने में दिक्कत हुई थी। पहले उन्होंने बिजनौर के एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया, लेकिन हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें नोएडा रेफर कर दिया। परिजन नरेश को लेकर नोएडा के मार्क अस्पताल और फिर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। रविवार को उनकी तबीयत और बिगड़ी तो डॉक्टरों ने वेंटिलेटर लगाने का निर्णय लिया। लेकिन वेंटिलेटर लगाए जाने के कुछ ही समय बाद ऑक्सीजन पाइपलाइन में धमाका हो गया।
हादसे के समय की अफरा-तफरी
हादसे के समय वार्ड में मौजूद मरीज और स्टाफ ने बताया कि तेज धमाके की आवाज के साथ पाइप से धुआं निकलने लगा। कई मरीज घबरा गए और वार्ड से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। ऑक्सीजन सप्लाई रुक जाने से कुछ मरीजों की हालत बिगड़ गई। अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत सभी मरीजों को एंबुलेंस से अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। अस्पताल के तकनीशियनों ने लगभग आधे घंटे की मेहनत के बाद पाइपलाइन को ठीक किया और ऑक्सीजन सप्लाई बहाल कर दी।
पुलिस और दमकल विभाग की जांच
घटना की सूचना मिलते ही फेस-3 थाना पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी ने बताया कि दोपहर में फायर स्टेशन को कॉल मिली थी कि ममूरा स्थित एक निजी अस्पताल में तेज धमाका हुआ है। जांच में पता चला कि ऑक्सीजन पाइपलाइन में लीकेज की वजह से यह धमाका हुआ था। थाना प्रभारी ने कहा, “सौभाग्य से इस हादसे में किसी और व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई और न ही आग लगी। तुरंत टेक्नीशियन को बुलाकर पाइपलाइन को रिपेयर कराया गया।”
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अस्पताल प्रशासन के लिए बड़ा सबक
अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को ‘तकनीकी खराबी से हुआ हादसा’ बताया है और कहा कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सभी ऑक्सीजन पाइपलाइनों की सुरक्षा जांच (Safety Audit) कराई जा रही है। हालांकि, सवाल यह उठ रहा है कि क्या अस्पताल प्रशासन ने नियमित रूप से सुरक्षा जांच कराई थी या नहीं। अगर पाइपलाइन की समय पर देखरेख की गई होती तो शायद यह हादसा टल सकता था।