

जनपद में जिलाधिकारी संतोष शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। आम नागरिकों की बिजली संबंधी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने विद्युत विभाग की विशेष समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें आज विभागीय अधिकारियों से जवाबतलबी की जाएगी।
बिजली समस्या पर डीएम का बड़ा कदम
Maharajganj : जनपद में जिलाधिकारी संतोष शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। आम नागरिकों की बिजली संबंधी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने विद्युत विभाग की विशेष समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें आज विभागीय अधिकारियों से जवाबतलबी की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार डीएम ने इस समीक्षा के लिए आमजन से सीधे संवाद स्थापित करने की दिशा में एक नई पहल की है। उन्होंने स्वयं अपने सीयूजी नंबर 9454417546 को सार्वजनिक करते हुए जनता से एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतें भेजने की अपील की है। साथ ही, टोल फ्री नंबर 1912 पर प्राप्त शिकायतों को भी इस समीक्षा का हिस्सा बनाया गया है।
यह पहला अवसर नहीं है जब डीएम संतोष शर्मा ने जनसमस्याओं को लेकर सक्रियता दिखाई हो। इससे पहले भी वे स्वास्थ्य, शिक्षा और राजस्व विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर कई कड़े निर्णय ले चुके हैं। लेकिन इस बार जनता की सबसे ज्वलंत समस्या बिजली आपूर्ति और बिलिंग को लेकर उनका यह प्रयास आमजन में संतोष और भरोसा जगा रहा है।
जिलाधिकारी (डीएम) द्वारा बुलाई गई इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य जिले में जनहित से जुड़ी शिकायतों की गहन और वस्तुपरक समीक्षा करना है। यह बैठक केवल औपचारिकता भर नहीं, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाने वाला कदम है। विभिन्न माध्यमों—जैसे जनसुनवाई, ऑनलाइन पोर्टल, हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया के जरिए—डीएम तक पहुंची शिकायतों का समुचित संज्ञान लेते हुए उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीएम का यह रुख प्रशासनिक प्रणाली में सुधार लाने की एक ठोस पहल है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि किसी शिकायत की निष्पक्ष जांच में किसी अधिकारी की गलती या टालमटोल का रवैया सामने आता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक ईमानदारी से पहुंचे।
इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम करने के लिए सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने न केवल जनता से अपील की है कि वे अपनी समस्याएं बेहिचक सामने रखें, बल्कि अपना सरकारी मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक कर पारदर्शिता का एक उदाहरण पेश किया है। यह पहल न केवल भरोसा कायम करती है, बल्कि शासन को अधिक उत्तरदायी भी बनाती है।
इस प्रकार, यह बैठक एक संकेत है कि डीएम केवल कागजों में बदलाव नहीं चाहते, बल्कि धरातल पर वास्तविक परिवर्तन लाने को प्रतिबद्ध हैं। यह कार्यशैली प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक प्रेरक और प्रभावशाली प्रयास है।