

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अधीन निर्माणाधीन सी प्लांट के मजदूरों को पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिला है। पढ़ें पूरी खबर
मजदूरों की बकाया भुगतान
सोनभद्र: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अधीन निर्माणाधीन सी प्लांट के मजदूरों को पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिला है। दूसान कंपनी के पेटी कॉन्ट्रैक्टर्स द्वारा मजदूरों से काम कराया जा रहा है। लेकिन भुगतान न मिलने से नाराज़ मजदूरों ने कई बार कार्य बहिष्कार और प्रदर्शन किया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, आरोप है कि पेटी कॉन्ट्रैक्टर्स अधिकारियों को गिफ्ट देकर मामले को टालते रहे हैं।अपना दल एस के जिलाध्यक्ष अंजनी पटेल ने मजदूरों की मदद के लिए पहल की। वीआईपी गेस्ट हाउस में जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे सैकड़ों मजदूरों और जिलाध्यक्ष को पुलिस ने रोक दिया।
श्रम विभाग कार्रवाई करने को स्वतंत्र
इस पर जिलाध्यक्ष और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। हंगामे की आवाज सुनकर जिलाधिकारी बाहर आए। जिलाधिकारी ने बताया कि दूसान कंपनी, बोर्ड प्रबंधन और श्रम विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई है। प्रबंधन ने दिए 5.8 करोड़ रुपये का भुगतान कंपनी के ठेकेदार ने अन्यत्र कर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि मजदूरों का भुगतान प्राथमिकता से होना चाहिए था। पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि 25 जुलाई तक 3.77 करोड़ का बकाया भुगतान किया जाएगा। इसमें से 1.95 करोड़ का भुगतान तत्काल किया जाएगा। भुगतान न होने पर श्रम विभाग कार्रवाई करने को स्वतंत्र होगा।
मजदूरों के परिवारों का भरण-पोषण
दुसान कंपनी की विभिन्न इकाइयों में कार्यरत 300 से अधिक संविदा मजदूरों के बकाया वेतन के मुद्दे पर अपना दल एस के जिलाध्यक्ष अंजनी पटेल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। वीआईपी गेस्ट हाउस में हुई इस बैठक में ओबरा सीजीएम और दुसान कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। जिलाध्यक्ष पटेल ने बताया कि दुसान कंपनी के पांच पेटी कॉन्ट्रेक्टर के अधीन काम करने वाले मजदूरों का पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे मजदूरों के परिवारों का भरण-पोषण, बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य देखभाल प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि मजदूर पहले भी कई जगह गुहार लगा चुके हैं।
लॉ एंड आर्डर का मुद्दा
जिलाधिकारी ने बैठक में मजदूरों का बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कंपनी द्वारा मशीनरी और बड़े फर्मों को भुगतान करने पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि सबसे पहले मजदूरों का भुगतान किया जाना चाहिए था। कंपनी ने 25 जुलाई 2025 तक सभी बकाया भुगतान करने का आश्वासन दिया है। अंजनी पटेल ने कहा कि वेतन न मिलने से मजदूर सड़कों पर उतरने को मजबूर होते हैं, जो लॉ एंड आर्डर का मुद्दा बन जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनडीए सरकार में शोषित-वंचित समाज का उत्पीड़न नहीं होगा।
दिहाड़ी मजदूरों का बकाया भुगतान
ग्राम सेवा समिति अध्यक्ष शिवदत्त दुबे ने बताया कि मजदूरों के बकाया भुगतान के लिए डीएम साहब से मिल गया और उन्होंने आश्वासन दिया है कि 25 जुलाई तक बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। हमारी सरकार चाहती है कि मजदूरों को साथ न्याय हो और जो दिहाड़ी मजदूरों का बकाया भुगतान है सबसे पहले उनकी मजदूरी मिलनी चाहिए बाकी अन्य का भुगतान बाद में किया जाना चाहिए। अधिकारी मजदूरों का भुगतान न कर के सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं। कंपनी 12 घंटे मजदूरों से काम कराकर कई महीनो से भुगतान रोकी है, जबकि जुलाई का महीना है स्कूलों में फीस देना है और अन्य पारिवारिक जिम्मेदारी है फिर भी अधिकारी मजदूरों की समस्या नहीं सुनते। शिवदत्त दुबे ने भी माना की गुलदस्ता और गिफ्ट पैकेट कल्चर उनके भी कानों तक सुनने में आई है। इस तरह का कलर अगर है तो उसको जल्दी समाप्त कर देना चाहिए।