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देवरिया में आज ‘साथी अभियान’ के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन जिला न्यायालय परिसर में किया गया। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
प्रशासनिक मातहतो को निर्देशित करते हुए अपर जिला जज/ देवरिया मनोज कुमार तिवारी ( सोर्स - रिपोर्टर )
देवरिया: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार देवरिया में आज 'साथी अभियान' के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन जिला न्यायालय परिसर में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवरिया के सचिव एवं अपर जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बैठक में जिला साथी इकाई के सदस्यों, पैनल अधिवक्ताओं, पराविधिक स्वयंसेवकों तथा विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अभियान का उद्देश्य जनपद के निराश्रित, बेसहारा और देखभाल गृहों में रहने वाले बच्चों को आधार कार्ड बनवाने में मदद करना और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज तिवारी ने बताया कि आधार कार्ड इन बच्चों के लिए न केवल कानूनी पहचान का माध्यम है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने का प्रवेश द्वार भी है। उन्होंने कहा कि कई बच्चे, खासकर सड़कों पर रहने वाले या संस्थानों में पलने वाले, ऐसे हैं जिनके पास कोई पहचान नहीं है, जिसके कारण वे मूलभूत अधिकारों और सरकारी सहायता से वंचित रह जाते हैं।
सचिव ने स्पष्ट किया कि इस अभियान के तहत पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, जिला प्रोबेशन ऑफिस तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त भूमिका होगी। साथ ही यूआईडीएआई से संपर्क कर ऐसे बच्चों का आधार नामांकन किया जाएगा। इस प्रक्रिया का लक्ष्य है कि आगामी 5 अगस्त से पहले चिन्हित सभी बच्चों का आधार कार्ड बन जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि साथी समिति का गठन किया गया है, जो आधार पंजीकरण प्रक्रिया की निगरानी और संचालन करेगी। समिति का कार्य इन बच्चों की पहचान करना, दस्तावेज़ एकत्र करना, और उन्हें संबंधित सेवाओं से जोड़ना होगा। अभियान का मुख्य फोकस यह सुनिश्चित करना है कि 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी बच्चा विधिक पहचान और अधिकारों से वंचित न रह जाए।
इस बैठक में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए और इस अभियान को सफल बनाने हेतु सहयोग का आश्वासन दिया। अभियान के तहत एक समर्पित सोशल आउटरीच कार्यक्रम भी चलाया जाएगा ताकि ऐसे बच्चों को जागरूक कर सहायता दी जा सके। यह पहल देवरिया जिले में बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।