

देवरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लैब टेक्नीशियन की मनमानी और लापरवाही से मरीजों का जीना मुहाल। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
शराब का सेवन करते दिखा लैब टेक्नीशियन
देवरिया: जनपद देवरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लीलापुर, विकासखंड बैतालपुर में तैनात लैब टेक्नीशियन देवेंद्र प्रताप सिंह की मनमानी और लापरवाही से मरीजों का जीना मुहाल हो गया है। ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति करने वाले इस लैब टेक्नीशियन पर रसूख के बल पर कार्य करने का आरोप है। स्थानीय ग्रामीणों और मरीजों का कहना है कि जब भी वे डॉक्टर के पास जांच के लिए जाते हैं, तो डॉक्टर द्वारा खून और पेशाब की जांच के लिए भेजे जाने पर लैब टेक्नीशियन उन्हें डांटकर भगा देते हैं। उनकी यह हरकत मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस विस्तृत रिपोर्ट में जानिए पूरा मामला।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, मरीजों का आरोप है कि लैब टेक्नीशियन देवेंद्र प्रताप सिंह सुविधाओं के अभाव का हवाला देकर जांच करने से इनकार कर देते हैं और मरीजों को कहीं और जाने की सलाह देते हैं। इस व्यवहार से परेशान मरीजों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लीलापुर के पीएससी प्रभारी मनीष सिंह से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पीएससी प्रभारी ने 9 मई 2025 को लैब टेक्नीशियन को तत्काल प्रभाव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महुआडीह में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि आदेश के बावजूद देवेंद्र प्रताप ने नया केंद्र ज्वाइन नहीं किया और लीलापुर में ही डटे हुए हैं।
मरीज को डांटकर भगाने का आरोप
वहीं एक मरीज राम दरस मिश्रा (पर्ची संख्या 1512) ने बताया कि 26 अप्रैल 2025 को डॉक्टर ने उनकी खून की जांच का आदेश दिया था। लेकिन जब वे लैब टेक्नीशियन के पास गए, तो उन्हें डांटकर भगा दिया गया। इस घटना से आहत मरीज ने 6 मई 2025 को पीएससी प्रभारी मनीष सिंह को मामले से अवगत कराया। प्रभारी ने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन लैब टेक्नीशियन ने फिर भी जांच नहीं की। इसके बाद पीएससी प्रभारी ने देवेंद्र प्रताप को महुआडीह स्थानांतरित कर दिया, लेकिन वह आज भी लीलापुर में ही जमे हुए हैं।
ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में रहता है टेक्नीशियन
मरीजों ने लैब टेक्नीशियन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि देवेंद्र प्रताप ड्यूटी के दौरान अक्सर शराब के नशे में रहते हैं। लैब में हमेशा ताला लटका रहता है और मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। मरीजों की शिकायतों के बावजूद जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और स्वास्थ्य विभाग के अन्य जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसा लगता है कि लैब टेक्नीशियन पर कोई कार्रवाई करने में अधिकारी असमर्थ हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने जब इस मामले की जमीनी हकीकत जानी, तो देवेंद्र प्रताप ने बड़े ही रौब के साथ कहा कि मेरी पकड़ ऊपर तक है। मैं यहां अंगद की तरह पैर जमाए रहूंगा। कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेरे ऊपर सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं का हाथ है। वहीं, जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दावा किया कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
टीम ने सीएमओ देवरिया के सीयूजी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन की घंटी बजने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। मरीजों और ग्रामीणों में इस बात को लेकर गहरा रोष है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।