

बिहार का युवक बलिंदर कुमार दिल्ली कमाने जा रहा था, लेकिन देवरिया में ट्रेन से गिरकर उसकी मौत हो गई। परिवार में कोहराम, पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजा।
मृतक युवक
Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भाटपार रानी थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में दिल्ली जा रहे युवक की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। मृतक की पहचान बलिंदर कुमार (उम्र 23 वर्ष) पुत्र मोतीलाल निवासी नौका टोला बालेठा थाना मुशफिल जनपद सिवान (बिहार) के रूप में हुई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बलिंदर कुमार अपने चार साथियों अजय पासवान, राहुल सिंह, रोहित सिंह, पुत्रगण अशोक सिंह के साथ दिल्ली कमाने के लिए निकला था। घर से सभी युवक दिन में करीब 12 बजे ट्रेन पर सवार हुए थे।
मौके पर मौत
जब ट्रेन देवरिया जनपद के भाटपार रानी स्टेशन को पार कर ओवरब्रिज के समीप पहुंची, उसी दौरान बलिंदर कुमार चलती ट्रेन से नीचे गिर गया। ट्रेन से गिरते ही बलिंदर कुमार की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मुकामी पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद भाटपार रानी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मृतक के घर में मातम छाया
घटना की सूचना मिलने पर भाटपार रानी पुलिस ने मृतक के गांव के मुखिया संतोष कुमार साह को दूरभाष के माध्यम से सूचित किया। मुखिया द्वारा मृतक के परिजनों को जैसे ही घटना की जानकारी दी गई, घर में कोहराम मच गया।
मृतक गांव में चलाता था गाड़ी
परिजनों का कहना है कि बलिंदर कुमार गांव में मुखिया की गाड़ी चलाया करता था, लेकिन कुछ दिनों पहले उसने बाहर जाकर कमाने की इच्छा जताई थी। उसी सिलसिले में वह अपने चार साथियों के साथ दिल्ली जा रहा था, लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही उसकी जान चली गई।
मामले पर पुलिस का बयान
भाटपार रानी पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस हृदयविदारक घटना से क्षेत्र में शोक की लहर है और मृतक के परिवार में मातम पसरा हुआ है।
उत्तर प्रदेश में इस वक्त सड़क सुरक्षा चिंताजनक बनी हुई है। जनवरी से 20 मई 2025 तक 13,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें लगभग 7,700 लोगों की मौत हुई। वहीं साल 2024 में 46,052 दुर्घटनाओं में 24,118, और 2023 में 44,534 में 23,652 मौतें हुईं है। बता दें कि ऐसा अनुमान लगाया गया है कि दोपहर और शाम (12–9 बजे) में 60% से अधिक हादसे होते हैं।