छांगुर बाबा का खतरनाक प्लान, जानिए क्या होने वाला था सैकड़ों लड़कियों के साथ

Dangerous plan of Changur Baba, know what was going to happen to hundreds of girls

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 13 July 2025, 2:51 PM IST
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Lucknow News: सुरक्षा एजेंसियों ने छांगुर के साथ नीतू और नवीन को भी गिरफ्तार किया। यह दोनों भी इस साजिश का हिस्सा थे। इनका मकसद था भारत में हिंदू परिवारों का धर्मांतरण करवाना और आईएसआई के एजेंटों से नेपाल से संपर्क करना।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, छांगुर ने नेपाल में ISI से संपर्क किया था। इसके बाद एक बैठक काठमांडू के पाकिस्तान दूतावास में आयोजित की गई थी। इस बैठक में पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) के अधिकारी भी शामिल हुए थे। बाद में पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों ने भारतीय सीमा का दौरा भी किया था।

कैसे गई छांगुर पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर?

छांगुर नेपाल में आईएसआई से संपर्क करने के लिए काठमांडू तक पहुंचा था, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे पाकिस्तान दूतावास में प्रवेश नहीं मिल सका। इस दौरान उसकी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर रखी और रिपोर्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया। इसके बाद छांगुर, नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जलालुद्दीन की निगरानी बढ़ाई गई। जिससे इनकी योजना का पर्दाफाश हुआ।

हिन्दू महिलाओं से क्या करवाना चाहता था छांगुर?

छांगुर की योजना का मुख्य उद्देश्य था हिंदू से मुस्लिम बनीं महिलाओं और युवतियों का निकाह करवाना। बाद में इन लड़कियों को आईएसआई एजेंटों और स्लीपर सेल से जोड़ना। इसका मकसद था कि भारतीय सीमा से जुड़े कस्बों में आईएसआई की गतिविधियों को बढ़ावा देना और खाड़ी देशों में अपने प्रभाव को बढ़ाना। इस योजना के तहत अवैध धर्मांतरण के बाद इन महिलाओं का निकाह ISI से जुड़े एजेंटों से करवाना था।

इन राज्यों में सबसे ज्यादा जाल फैला

इस साजिश के तार महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, बंगाल, आजमगढ़, अयोध्या, श्रावस्ती और गोरखपुर जैसे कई राज्यों से जुड़ते गए। इन जिलों में धर्मांतरण का नेटवर्क फैलाया जा रहा था और रोहिंग्याओं की बड़ी खेप लाने की योजना भी थी, जिन्हें छांगुर हिंदू बताकर धर्मांतरण करवा रहा था।

उतरौला को क्यों चुना गया?

अब सवाल यह उठता है कि छांगुर और उसकी टीम ने धर्मांतरण का केंद्र बनाने के लिए उतरौला को क्यों चुना? पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह का कहना है कि उतरौला नेपाल सीमा से महज 65 किमी दूर स्थित है। यह जगह पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जैसे सीमावर्ती जिलों के ट्रांजिट रूट पर है। जो इस क्षेत्र को हिंदू मुस्लिम धर्मांतरण और आईएसआई के गतिविधियों के लिए केंद्र बनाता था। इसके अलावा उतरौला अयोध्या के पास स्थित है, जो एक धार्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

सैकड़ों हिन्दू लड़कियों को सुरक्षा एजेंसियों ने बचाया

छांगुर ने विदेशी आकाओं की रणनीति के अनुसार उतरौला को केंद्र बनाते हुए यहां के लोगों के बीच धर्मांतरण के नेटवर्क का निर्माण करने की कोशिश की थी। इस पूरे षडयंत्र में नीतू और नवीन जैसे सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो छांगुर की योजनाओं को आगे बढ़ा रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों ने इस षड्यंत्र को समय रहते नाकाम कर दिया। छांगुर, नीतू और नवीन को गिरफ्तार कर एक बड़ी अनहोनी से देश को बचा लिया। यह गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और साहस का प्रतीक है, जो समय रहते आतंकवादी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को नष्ट करने में सक्षम हैं।

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