

गोरखपुर में बारिश और जलभराव से फसलें लगातार बर्बाद हो रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
खेतों में जलभराव
गोरखपुर: खजनी तहसील के पानापार, बदर देवघटा सहित आधा दर्जन गांवों में सालभर जलभराव ने किसानों की कमर तोड़ दी है। तालाब और नहर का पानी खेतों में भरने से धान और सब्जियों की बुवाई-कटाई ठप हो गई है। खेत दलदल में तब्दील हो चुके हैं, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों का गंभीर आरोप है कि कुछ दबंगों ने नहर और नालों पर अवैध रास्ते बना लिए, जिससे जलनिकासी रुक गई है। नतीजा, खेतों में पानी भरा रहता है और फसलें चौपट हो रही हैं।
ग्रामीण को पुलिस ने उठाया
शुक्रवार को चनहर नहर मार्ग की पुलिया की सफाई के लिए ग्रामीण खुद जुटे थे। इसी दौरान विवाद हो गया और पुलिस ने एक ग्रामीण को हिरासत में ले लिया। इससे गांव में तनाव और डर का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर जल्द नहर-नालों की सफाई और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई, तो उनकी फसल और जीविका दोनों तबाह हो जाएंगी।
ग्रामीणों की मांग, प्रशासन की चुप्पी
किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल नहर-नालों की सफाई और अवैध रास्तों पर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीण रामप्रसाद ने कहा, "हमारी रोजी-रोटी दांव पर है। प्रशासन सुन नहीं रहा, हम खुद सफाई करने को मजबूर हैं।" वहीं, स्थानीय अधिकारियों ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन ठोस कार्रवाई का इंतजार अब भी बाकी है।
क्या होगा किसानों का भविष्य?
जलभराव की इस समस्या ने न केवल फसलों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि किसानों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।यह खबर गोरखपुर के किसानों की बदहाली और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। क्या अब जिम्मेदार जागेंगे, या किसानों की पुकार अनसुनी रहेगी?