

रायबरेली में साइबर अपराध में शामिल तीन अभियुक्तों को फर्जी दस्तावेजों के साथ साइबर क्राइम, एसओजी व सर्विलांस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी उच्च अधिकारियों व बड़े लोगों की आईडी से जुड़कर पहले उनकी पूरी डिटेल लेकर फर्जी आईडी बनाते थे फिर उनके जानने वाले लोगों को अपने झांसे में लेकर साइबर ठगी करते थे।
तीन अभियुक्तों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
रायबरेली: रायबरेली में साइबर अपराध में शामिल तीन अभियुक्तों को फर्जी दस्तावेजों के साथ साइबर क्राइम, एसओजी व सर्विलांस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी उच्च अधिकारियों व बड़े लोगों की आईडी से जुड़कर पहले उनकी पूरी डिटेल लेकर फर्जी आईडी बनाते थे फिर उनके जानने वाले लोगों को अपने झांसे में लेकर साइबर ठगी करते थे। आरोपी को झांसे में लेने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करता था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आरोपी साइबर ठग उच्च अधिकारियों की आईडी में जुड़कर उनके संबंधित मित्रों और जानने वालों से संपर्क करके अपने जाल में फंसा कर उनसे साइबर ठग कर लेते थे
रायबरेली पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है गिरफ्तार आरोपियों में हरियाणा के फरीदाबाद से नरवीर सिंह और राजस्थान के अलवर से रश्मुद्दीन और बसीर अहमद हैं। आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और 1,490 रुपये बरामद हुए हैं।
आरोपी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उच्च पदस्थ अधिकारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम से फर्जी आईडी बनाते थे। वे पीड़ितों के परिचितों से संपर्क कर विभिन्न बहानों से पैसे मांगते थे। पैसों की ट्रांसफर होते ही वे एटीएम से राशि निकाल लेते थे।
साइबर क्राइम थाने में दर्ज मामले में आरोपियों को धारा 318(4), 319(2), 336(4), 338, 340(2), 356 बी.एन.एस. और आईटी एक्ट की धारा 66 (सी), 66 (डी) के तहत गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
साइबर थाना प्रभारी अजय तोमर ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों को खोलकर और बेचकर प्रयोग किया, उसमें कुछ महीनों में ही लाखों रुपयों का लेन-देन हुआ है। साथ ही जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी से प्राप्त बैंक खाते के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं। जिसके संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है वही अन्य इनके साशियो को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।