

कार्यकर्ताओं का आरोप था कि इन टाइलों पर लोग अपने पैर रखकर गुजरते हैं। जिससे बाबा साहब का अपमान हो रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
भीम आर्मी और बसपा नेताओं का हंगामा
आगरा: शहर के देहली गेट क्षेत्र स्थित सरकारी नर्सिंग होम शुक्रवार को विवाद का केंद्र बन गया। जब वहां पहुंचे भीम आर्मी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल की छत पर लगी डॉ. भीमराव आंबेडकर और भगवान बुद्ध की तस्वीर वाली टाइलों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि इन टाइलों पर लोग अपने पैर रखकर गुजरते हैं। जिससे बाबा साहब का अपमान हो रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस खबर के फैलते ही नर्सिंग होम के बाहर भारी संख्या में भीम आर्मी, बसपा कार्यकर्ता और अंबेडकर अनुयायी जुट गए और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर थाना हरीपर्वत की फोर्स पहुंच गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन बात बिगड़ गई और पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की हो गई।
थाना हरीपर्वत में कार्रवाई की मांग
हंगामे के बाद भीम आर्मी और बसपा के पदाधिकारी थाना हरीपर्वत पहुंचे और अस्पताल संचालक के खिलाफ तहरीर सौंपकर कार्रवाई की मांग की। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि तीन दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इस दौरान थाने में कुछ देर तक प्रदर्शनकारियों को रोककर समझाया गया, और बाद में उन्हें जांच का आश्वासन देकर छोड़ दिया गया।
पुलिस का बयान
इस पूरे मामले को लेकर एसीपी हरीपर्वत आदित्य कुमार ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि नर्सिंग होम की छत पर लगी बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की टाइलों को लेकर कुछ लोग नारेबाजी कर रहे हैं। जांच में पता चला कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा बाबा साहब की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थिति पर पुलिस की नजर
फिलहाल थाना हरीपर्वत पुलिस मामले की जांच कर रही है और नर्सिंग होम प्रशासन से भी पूछताछ की जा रही है। मौके पर शांति बनी हुई है, लेकिन प्रशासन सतर्क है। जिससे स्थिति दोबारा ना बिगड़े।
हो सकता है बड़ा हंगामा
डॉ. भीमराव आंबेडकर और भगवान बुद्ध के सम्मान को लेकर संवेदनशीलता के चलते यह मामला तूल पकड़ गया है। जहां एक ओर सामाजिक संगठनों ने तीव्र विरोध जताया है, वहीं पुलिस अब मामले की तह तक जाकर कार्रवाई करने का भरोसा दिला रही है। आने वाले दिनों में प्रशासन की कार्रवाई तय करेगी कि यह विवाद यहीं थमेगा या आंदोलन की शक्ल लेगा।