

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार मामला विश्वविद्यालय परिसर में लगी सोलर लाइटों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर हटाए जाने को लेकर गरमा गया है। एएमयू प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
Controversy over removal of CM Yogi's posters
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार मामला विश्वविद्यालय परिसर में लगी सोलर लाइटों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर हटाए जाने को लेकर गरमा गया है। पोस्टर हटाए जाने से नाराज़ भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने एएमयू प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में अलीगढ़ के जिला मुख्यालय पहुंचे और एएमयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने "एएमयू के गद्दारों को जूते मारो" और "एएमयू में योगी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान" जैसे तीखे और आक्रामक नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की मौजूदगी में माहौल तनावपूर्ण रहा।
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भाजपा युवा मोर्चा ने जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा और मांग की कि 48 घंटे के भीतर एएमयू परिसर की सभी सोलर लाइटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दोबारा लगाई जाएं। ज्ञापन में कहा गया कि यदि तय समयसीमा के भीतर प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई, तो भाजपा कार्यकर्ता स्वयं एएमयू परिसर में जाकर योगी के पोस्टर लगाएंगे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने एएमयू पर 'जिहादी मानसिकता' का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संस्थान देश विरोधी गतिविधियों का गढ़ बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह जिन्ना की तस्वीर हटाई गई थी, उसी तरह अब योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी एएमयू में लगाई जाएंगी। कार्यकर्ताओं का कहना है कि योगी सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के प्रतीक हैं, जिनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूरा मामला थाना सिविल लाइन इलाके के जिला मुख्यालय से जुड़ा है, जहां प्रदर्शन हुआ। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मुस्तैद रहा ताकि किसी भी प्रकार की अवांछित घटना को रोका जा सके। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन नारों और तीखे तेवरों ने माहौल को गर्म कर दिया।
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इस मामले में अब तक एएमयू प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, परिसर में बढ़ते राजनीतिक दखल और आरोपों के चलते यह मुद्दा और अधिक राजनीतिक तूल पकड़ता दिख रहा है। यह मामला न सिर्फ अलीगढ़, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी नया विवाद खड़ा कर सकता है। देखना होगा कि प्रशासन 48 घंटे के भीतर क्या कदम उठाता है और भाजपा युवा मोर्चा अपनी चेतावनी पर कितना अमल करता है।