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संविधान दिवस 2025 के अवसर पर बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन सभागार में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एडीएम प्रशासन ने की। इस दौरान उन्होंने उपस्थित सभी को उद्देशिका की शपथ दिलाई।
कलेक्ट्रेट सभागार में उद्देशिका की शपथ
Gorakhpur: गोरखपुर में संविधान दिवस 2025 के अवसर पर बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन सभागार में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एडीएम प्रशासन ने की। इस दौरान उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान की प्रति के साथ उद्देशिका की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी मूल भावना के अनुरूप कार्य करना प्रत्येक कर्मचारी का सर्वोच्च दायित्व है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे संविधान में निहित मूल्यों को अपने दैनिक कार्यों में प्रतिबिंबित करें और नागरिकों को न्याय, समानता एवं स्वतंत्रता दिलाने के लिए समर्पित रहकर कार्य करें।
कार्यक्रम में एडीएम प्रशासन सहदेव मिश्र, एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी हिमांशु वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट उत्कर्ष श्रीवास्तव, एसीएम द्वितीय राजू कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश कुमार सिंह सहित कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने संविधान दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह दिन हमें देश की अखंडता, एकता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत बनाए रखने का संदेश देता है।
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सभा के दौरान अधिकारियों ने संविधान में वर्णित समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुता जैसे मूलभूत सिद्धांतों को अपने कार्यों और जिम्मेदारियों में लागू करने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक है। इसकी रक्षा करना और इसके आदर्शों को व्यवहार में लाना हर कर्मचारी और नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।
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कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया, जिससे माहौल संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता की भावना से भर गया। कार्यक्रम ने अधिकारियों और कर्मचारियों में कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूकता को और प्रगाढ़ करने का संदेश दिया। संविधान दिवस का यह आयोजन न केवल संवैधानिक आदर्शों के प्रति निष्ठा की पुनर्पुष्टि का माध्यम बना, बल्कि प्रशासनिक तंत्र को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति और अधिक सजग एवं प्रेरित भी करता रहा।