

मैनपुरी के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित गांव मेरापुर छदमी के ग्रामीणों ने चकरोड पर अवैध कब्जे को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ दबंगों ने सरकारी रास्ते पर कब्जा कर लिया और पीड़ित किसान रमेश चंद्र की झोपड़ी को तोड़कर रास्ता बना दिया।
चकरोड पर अवैध कब्जे की शिकायत
Mainpuri: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में, मैनपुरी जिले के ग्रामीणों ने एक चकरोड पर अवैध कब्जे की शिकायत लेकर जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया। उनका कहना है कि कुछ दबंग व्यक्तियों ने सरकारी रास्ते और सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे उनका रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है।
चकरोड पर अवैध कब्जे की शिकायत
यह मामला मैनपुरी के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित गांव मेरापुर छदमी के नगला ढाडा से जुड़ा हुआ है। यहां के ग्रामीणों ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक शिकायती पत्र प्रस्तुत किया। पत्र में ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बीच स्थित एक चकरोड, जो अजब सिंह के घर से लेकर रमेश चंद्र के घर तक जाता है, पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों ने दावा किया कि इस चकरोड की लंबाई लगभग 90 मीटर है और यह रास्ता राजस्व अभिलेखों में भी दर्ज है। वे इस चकरोड को सार्वजनिक मार्ग मानते हैं, लेकिन गांव के कुछ दबंगों ने इसे अपनी संपत्ति बना लिया है।
पीड़ित किसान की झोपड़ी को नुकसान
रमेश चंद्र, जो गांव के निवासी हैं और चकरोड के किनारे अपनी खुद की ज़मीन पर झोपड़ी बना कर रहते थे, ने आरोप लगाया कि कुछ दबंगों ने उनकी झोपड़ी तोड़ दी और उसे रास्ते से हटा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अब उस स्थान पर चकरोड बनाने के बजाय दबंगों ने अवैध रूप से सड़क बनाने की कोशिश की है। रमेश चंद्र का कहना है कि यह उनका कानूनी हक है कि वे अपनी ज़मीन पर रह सकें, लेकिन यह कब्जा कर लेने वाले लोग उन्हें अपनी संपत्ति से बेदखल करना चाहते हैं।
राजस्व विभाग पर भी आरोप
ग्रामीणों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी मिलकर दबंगों के साथ मिलकर पीड़ित की जमीन पर अवैध कब्जा करा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चकरोड की जगह पर पीड़ित किसान की झोपड़ी हटाकर एक नया रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला केवल एक चकरोड पर कब्जे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से सरकारी संपत्ति और गरीब किसानों के अधिकारों का उल्लंघन है। उनका यह भी आरोप है कि प्रशासन ने अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया था और इसलिए वे मजबूर होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे हैं।
जिलाधिकारी का सख्त रुख
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने तहसील भोगांव के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मामले की गहन जांच करें और तत्काल कार्रवाई करें। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी दबंग या अवैध कब्जा करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राजस्व विभाग के अधिकारी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।