

सपा सांसद इकरा हसन और सहारनपुर के एडीएम ई के बीच हुआ विवाद अब राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। इकरा हसन ने एक महिला जनप्रतिनिधि के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए एडीएम के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी ने न सिर्फ महिला चेयरमैन से बदसलूकी की, बल्कि सांसद के अनुरोध पर भी असम्मानजनक व्यवहार किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाए हैं।
सपा सांसद इकरा हसन
Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में समाजवादी पार्टी सांसद इकरा हसन और एडीएम ई के बीच हुए टकराव ने तूल पकड़ लिया है। यह मामला अब सिर्फ एक शिष्टाचार विवाद नहीं रह गया है, बल्कि महिलाओं के सम्मान, जनप्रतिनिधियों की गरिमा और प्रशासनिक आचरण के सवालों पर आकर ठहर गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खुलकर सांसद के समर्थन में सामने आए हैं। इकरा हसन ने प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाते हुए तीखा जवाब दिया है।
जानें पूरा मामला
1 जुलाई को घटी इस घटना की शुरुआत तब हुई जब सपा सांसद इकरा हसन सहारनपुर कलेक्ट्रेट परिसर के पास मौजूद थीं। वहीं, छुटमलपुर की महिला चेयरमैन, जो किसी प्रशासनिक समस्या को लेकर परेशान थीं, उनसे आकर मिलीं और अपनी शिकायत साझा की। महिला चेयरमैन एडीएम ई से मिलना चाहती थीं। जब इकरा हसन को यह पता चला, तो उन्होंने खुद महिला जनप्रतिनिधि की मदद के लिए एडीएम ई को फोन किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि अधिकारी लंच पर हैं। जब एडीएम ई करीब साढ़े तीन बजे अपने दफ्तर लौटे, तब इकरा हसन खुद महिला चेयरमैन को लेकर उनके कार्यालय पहुंचीं।
इकरा हसन का आरोप
सांसद इकरा हसन ने आरोप लगाया कि एडीएम ई का व्यवहार न केवल महिला चेयरमैन के प्रति, बल्कि उनके (सांसद) कहने के बावजूद बेहद अभद्र और असम्मानजनक था। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि बात को शांतिपूर्वक हल किया जाए, लेकिन एडीएम का रवैया बेहद असंवेदनशील था। जब मैंने हस्तक्षेप किया, तब भी उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। इस घटना के बाद इकरा हसन ने एडीएम ई के खिलाफ लिखित शिकायत दी और उनके पुनः प्रशिक्षण की मांग की, ताकि उन्हें यह सिखाया जा सके कि महिला जनप्रतिनिधियों और सांसदों से कैसे व्यवहार करना चाहिए।
अखिलेश यादव भी मैदान में उतरे
इस पूरे विवाद पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा जो सांसद का सम्मान नहीं करते, वो जनता का क्या करेंगे? इस पोस्ट को सांसद इकरा हसन ने रीपोस्ट करते हुए एक सशक्त कविता के जरिए अपनी बात रखी जो कुर्सी से ताक़त का नशा कर बैठे, औरों की इज़्ज़त को धूल समझ बैठे, वो भूल गए हैं ये हिन्दुस्तान है, यहां नारी नहीं, खुद संविधान है।
सांसद ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इकरा हसन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का अपमान केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि जनता की आवाज़ का अपमान है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे अधिकारियों को दोबारा संवेदनशीलता और व्यवहार प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे समझ सकें कि एक सांसद या महिला प्रतिनिधि का सम्मान कैसे किया जाता है।
विपक्ष के लिए नया मुद्दा
यह मामला अब केवल सहारनपुर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सपा ने इसे योगी सरकार के खिलाफ महिला सम्मान और जनप्रतिनिधि गरिमा का मुद्दा बना दिया है। विपक्ष इसे लेकर सदन से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार को घेरने की रणनीति बना सकता है।