

यूपी के चंदौली जनपद से एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां घर में सो रही मासूम के साथ छेड़छाड़ हुआ है।
पीड़िता पहुंची SP के दरबार
Chandauli: बलुआ थाना क्षेत्र के एक गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब घर में सो रही एक 10 साल की मासूम के साथ गांव के ही एक युवक द्वारा छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना सामने आई। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सूचना देने के बावजूद स्थानीय पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है और अब तक आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़िता अपने घर में चारपाई पर सो रही थी। सोमवार देर रात गांव का ही एक युवक चुपके से घर में घुस आया और मासूम के साथ छेड़छाड़ करने लगा। बच्ची की नींद टूटने पर जब उसने शोर मचाया, तो आरोपी मौके से फरार हो गया। शोर सुनकर परिजन और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक वह भाग चुका था।
घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने बलुआ थाने में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपी को पकड़ने की कोई कोशिश नहीं की गई। पीड़िता के पिता ने बताया, हमने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। आरोपी खुलेआम घूम रहा है और हम लोग डर के साए में जी रहे हैं।
ग्रामीणों का भी कहना है कि आरोपी युवक पहले भी इस तरह की हरकतें कर चुका है, लेकिन हर बार वह बच निकलता है। एक गांव की महिला जो मासूम पीड़िता के साथ एसपी कार्यालय पहुंची थीं, उन्होंने बताया कि, अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो गांव की अन्य महिलाओं की सुरक्षा पर भी खतरा बना रहेगा। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पूरी घटना की जानकारी देती गांव की महिला
थाने से निराश होकर पीड़िता, उसके परिजन और गांव के कई अन्य लोग चंदौली एसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने एसपी को प्रार्थना पत्र सौंपा और आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर उस पर सख्त धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की। साथ ही पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की भी मांग की गई जो कथित तौर पर मामले को हल्के में ले रहे हैं।
एसपी कार्यालय में दिए गए पत्र में परिजनों ने मांग की है कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाई जाए।
फिलहाल पुलिस की ओर से इस मामले में कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है, लेकिन ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अब जिला प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है। पीड़ित पक्ष का साफ कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।