

उत्तर प्रदेश एटीएस ने गोसाईंगंज जेल में छांगुर बाबा को अपनी कस्टडी में लिया है। एटीएस ने उन्हें 7 दिनों की रिमांड पर लिया है, ताकि उनके खिलाफ चल रही जांच को और गहरे तरीके से किया जा सके। इस मामले में छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन पर धर्मांतरण और गैरकानूनी फंडिंग का आरोप है। एटीएस ने अपनी जांच में यह पता लगाने की कोशिश की है कि छांगुर बाबा को किस प्रकार की फंडिंग मिल रही थी और यह धनराशि किसके माध्यम से आई थी।
एटीएस की कस्टडी में छांगुर बाबा
Lucknow News: उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने मंगलवार को गोसाईंगंज जेल में प्रवेश किया और धर्मांतरण व फंडिंग से जुड़े मामले में आरोपी छांगुर बाबा को अपनी कस्टडी में लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, एटीएस ने छांगुर बाबा के खिलाफ कई गंभीर आरोपों की जांच के लिए उन्हें 7 दिनों की रिमांड पर लिया है। एटीएस की यह कार्रवाई एक बड़े आतंकी और धर्मांतरण रैकेट के नेटवर्क से जुड़े महत्वपूर्ण खुलासे की ओर इशारा कर रही है।
नसरीन की पुलिस कस्टडी मंजूर
इसी दौरान, छांगुर बाबा के साथ गिरफ्तार की गई नसरीन को भी पुलिस कस्टडी में भेजे जाने की मंजूरी मिल गई है। दोनों को मिली रिमांड के तहत एटीएस की कई टीमें सात दिनों तक इन दोनों से पूछताछ करेंगी। एटीएस के अधिकारियों का मानना है कि छांगुर बाबा और नसरीन का जाल धार्मिक उन्माद फैलाने और गैरकानूनी फंडिंग से जुड़े संगठनों से गहरे रिश्ते हो सकते हैं।
धर्मांतरण और फंडिंग के मामले में गुत्थी सुलझाएगी एटीएस
यूपी एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि छांगुर बाबा पर आरोप है कि वह धर्मांतरण के लिए युवाओं को उकसाने का काम करता था और इसके लिए उसे विदेशों से फंडिंग मिल रही थी। एटीएस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि छांगुर बाबा को किस प्रकार की फंडिंग मिल रही थी और यह फंडिंग किसके माध्यम से आती थी। एटीएस की टीम को शक है कि इस पूरी गतिविधि का संबंध आतंकवादी गतिविधियों से भी हो सकता है, जिसे छांगुर बाबा ने धर्मांतरण के नाम पर अंजाम दिया।
छांगुर बाबा का नेटवर्क
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छांगुर बाबा के खिलाफ जांच को व्यापक रूप दिया गया है। एटीएस के रडार पर अब छांगुर बाबा के कई सहयोगी और उनकी गतिविधियों से जुड़े लोग हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि छांगुर बाबा के नेटवर्क का दायरा बहुत बड़ा हो सकता है और इसमें कई और लोगों का हाथ हो सकता है। एटीएस अब उन सभी व्यक्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जो इस रैकेट के हिस्से हो सकते हैं।
7 दिनों की रिमांड में एटीएस की जांच
एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, छांगुर बाबा और नसरीन से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं। जो इस रैकेट को उजागर करने में मदद करेंगी। एटीएस की कई टीमें इस पूछताछ में शामिल होंगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के स्रोतों का पता लगाने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा, धर्मांतरण के लिए उपयोग किए गए तरीकों, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों से संभावित कनेक्शन पर भी गहन जांच की जाएगी।