सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में कैंसर पीड़िता महिला और किडनी पेशेंट बेटे के साथ किया ये हाल, जानें पूरी खबर

सुल्तानपुर नगर के स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर अमानवीय चेहरा सामने आया है, जब कैंसर पीड़ित एक महिला और उसके किडनी पेशेंट बेटे को गंदगी फैलाने के आरोप में अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 19 July 2025, 1:40 PM IST
google-preferred

सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर नगर के स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर अमानवीय चेहरा सामने आया है, जब कैंसर पीड़ित एक महिला और उसके किडनी पेशेंट बेटे को गंदगी फैलाने के आरोप में अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। महिला ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों ने न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि जबरन उन्हें बाहर धकेल दिया।

 डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक,   मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाली यह महिला कैंसर से ग्रसित है और उसका बेटा किडनी रोग से पीड़ित है। दोनों इलाज के लिए सुल्तानपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे, लेकिन कथित रूप से अस्पताल में गंदगी करने के बहाने से स्टाफ ने उन्हें बाहर कर दिया।

हाईकोर्ट का सख्त रुख: परीक्षा में आरोपी ‘सॉल्वर’ की जमानत याचिका खारिज, मेधावी छात्रों के भविष्य की चिंता

इंसाफ की गुहार

अपमानित और असहाय मां-बेटे जब अस्पताल से बाहर निकाले गए, तो बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए और इंसाफ की गुहार लगाई। महिला का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों ने न केवल गाली-गलौज की बल्कि धक्का-मुक्की और अभद्रता भी की।घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मां-बेटे को दोबारा अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। लेकिन यह घटना चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।

दुर्व्यवहार और लापरवाही की कई शिकायतें

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। मेडिकल कॉलेज में पहले भी मरीजों के साथ दुर्व्यवहार और लापरवाही की कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।

Bombay High Court: तलाक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का अहम फैसला, पति-पत्नी के व्यवहार पर की कड़ी टिप्पणी, जानिए क्या है पूरा मामला

दोषियों पर सख्त कार्रवाई

इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से हस्तक्षेप की मांग उठ रही है। स्थानीय समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि मंत्री जी को स्वयं इस मामले की जांच करानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता को उजागर करता है, बल्कि गरीब और वंचित मरीजों के साथ हो रहे भेदभाव को भी सामने लाता है।
यदि इस पर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले समय में मेडिकल कॉलेज की छवि और भी खराब हो सकती है

Location : 

Published :