

जयवीर सिंह शनिवार को मैनपुरी पहुंचे, जहां उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बात की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास खबर
जयवीर सिंह ने सुनी जनता की समस्याएं
मैनपुरी: उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह शनिवार को मैनपुरी पहुंचे। दौरे के दौरान उन्होंने जनसुनवाई की और आम जनता की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की शिकायतों का शीघ्र और निष्पक्ष निस्तारण किया जाए। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार आमजन के हितों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
हर एंगल से हो रही जांच- जयवीर सिंह
मंत्री जयवीर सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को बहुत ही दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा यह बहुत लंबे समय के बाद इतनी बड़ी दुर्घटना हुई है। जिसने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया है। उन्होंने बताया कि हादसे की जांच हर दृष्टिकोण से की जा रही है, सुरक्षा, तकनीकी, संभावित षड्यंत्र और मानवीय चूक जैसे सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है। जयवीर सिंह ने कहा कि विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है और अमेरिका की निर्माता कंपनी बोइंग के अधिकारी भी जांच में शामिल हैं। जांच के परिणाम जल्द सामने आने की उम्मीद है।
विपक्ष के सवालों का जवाब
जब पत्रकारों ने विपक्षी दलों द्वारा भारत के पास खुद की एयरलाइन न होने को लेकर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया मांगी, तो जयवीर सिंह ने कहा, “जितने भी प्रतिष्ठान व उद्योग हैं, उन्हें निजीकरण की दिशा में ले जाने का निर्णय कांग्रेस सरकारों के दौर से चला आ रहा है। सरकार का काम व्यापार करना नहीं, बल्कि लोकहित, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि पुरानी पब्लिक सेक्टर कंपनियों का निजीकरण कोई नया कदम नहीं है, बल्कि यह नीति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय से चली आ रही है।
ब्लैक बॉक्स की हो रही जांच
विमान में उड़ान भरते ही आग लगने की घटना पर मंत्री ने कहा कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है तकनीकी खराबी, पायलट की चूक या साजिश का कोण भी। उन्होंने कहा कि ब्लैक बॉक्स और अन्य उपकरण मिलने से जांच में तेजी आई है और स्थिति जल्द स्पष्ट होगी।
हादसे में मृतकों को मिली आर्थिक सहायता
विमान हादसे में मृतकों के परिजनों को मिलने वाली वित्तीय सहायता पर मंत्री जयवीर सिंह ने कहा सरकार और टाटा कंपनी द्वारा परिजनों को जितनी मदद दी गई है, उतनी शायद उन्हें अपेक्षा भी नहीं थी। टाटा कंपनी ने एक-एक करोड़ रुपये दिए हैं, बीमा कंपनियों से भी राशि मिल रही है। सभी को अपेक्षा से अधिक आर्थिक सहायता दी जा रही है।