

बदायूं के सकरी जंगल गांव में मंदिर परिसर में पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोग झुलस गए। इनमें दो की हालत गंभीर है, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी तीन की स्थिति स्थिर बताई जा रही है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है।
आकाशीय बिजली का कहर
Budaun: बदायूं जिले के सकरी जंगल गांव में आज एक दर्दनाक हादसा उस समय हो गया जब मंदिर परिसर में लगे एक पेड़ पर आकाशीय बिजली गिर गई, जिसकी चपेट में आकर पांच लोग झुलस गए। इस अप्रत्याशित हादसे से गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गांव के मंदिर परिसर में कुछ लोग पेड़ के नीचे खड़े होकर आपस में बातचीत कर रहे थे, तभी अचानक तेज आवाज के साथ बिजली गिर गई। बिजली सीधा पेड़ पर गिरी और उसकी चपेट में आकर वहां मौजूद पांच लोग झुलस गए।
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झुलसे हुए व्यक्तियों में बच्चन पुत्र मुहम्मद हुसैन और फकीरी पुत्र अब्दुल रहमान, दोनों निवासी सकरी जंगल, कोतवाली उझानी, की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें तत्काल बदायूं जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
#बदायूं_ब्रेकिंग: मंदिर में लगे पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरने से 5 लोग झुलसे। दो की हालत नाजुक, उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी तीन की हालत स्थिर। घटना #सकरी_जंगल गांव की है।#UPNews #BudaunNews pic.twitter.com/7WLzLpfnb2
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 30, 2025
इस हादसे में अन्य तीन ग्रामीण भी आंशिक रूप से झुलस गए, हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।
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घटना के बाद गांव में दहशत और चिंता का माहौल व्याप्त है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सक्रिय मदद और बिजली गिरने जैसी घटनाओं से बचाव के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए स्थिति का जायज़ा लिया है और ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता देने की बात कही है।
बताया जा रहा है कि मौसम विभाग द्वारा पहले ही तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की सूचनाएं सही समय पर नहीं पहुंच पातीं, जिससे इस तरह के हादसे हो जाते हैं।
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि बिजली कड़कने या बारिश के दौरान खुले स्थानों, पेड़ों या ऊंचे स्थानों के पास खड़े न हों। सावधानी से ही ऐसे हादसों से बचा जा सकता है। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि ग्रामीण इलाकों में आपदा पूर्व चेतावनी तंत्र कितना प्रभावी है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं।