

बगरैन कस्बा में बिना पंजीकरण के कई फर्जी पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं, जो गलत जांच रिपोर्ट बनाकर मरीजों को गलत दवाएं देती हैं। इनमें अप्रशिक्षित तकनीशियन काम करते हैं, जिससे मरीजों की सेहत खराब हो रही है। स्वास्थ्य विभाग की जांच के बावजूद ये लैबें बंद नहीं हुईं। फर्जी रिपोर्ट के कारण मरीज लंबे समय तक बीमार रहते हैं या गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं। स्थानीय लोग प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद हो सकें।
बगैरन स्वास्थ्य केंद्र (Img: Google)
Budaun: बदायूं जिले के बगरैन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। कस्बा बगरैन में बिना किसी आधिकारिक पंजीकरण के लगभग एक दर्जन फर्जी पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं, जो मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। इन लैबों में अप्रशिक्षित और गैरकानूनी तकनीशियन जांच कर रहे हैं, जिनकी दी गई गलत रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर दवाएं लिखते हैं, जो मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो रही हैं। इस कुप्रथा के चलते कई मरीज लंबे समय तक बीमार रहने के साथ-साथ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बगरैन कस्बा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में ऐसे कई फर्जी अस्पताल भी हैं जो इन गैरकानूनी पैथोलॉजी लैबों के साथ मिलकर मरीजों को गलत रिपोर्ट देते हैं। रिपोर्टों के आधार पर मरीजों को जो दवाएं दी जाती हैं, वे कई बार मरीज की बीमारी को ठीक करने की बजाय उसकी सेहत पर बुरा असर डालती हैं। कई बार तो इन गलत दवाओं के कारण मरीजों की हालत और गंभीर हो जाती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है।
समय-समय पर कराई जाती है जांच
स्वास्थ्य विभाग ने समय-समय पर इन पैथोलॉजी लैबों की जांच भी की है, लेकिन बावजूद इसके ये फर्जी लैबें खुलेआम काम करती रहती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इन लैबों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे उनका मनोबल बढ़ रहा है और वे बिना किसी रोक-टोक के अपने गलत काम जारी रख रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण अंचल के गरीब और कमजोर मरीजों को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है, जो सही जांच और इलाज से वंचित रह जाते हैं।
दवाओं के गलत सेवन से बिगड़ रही मरीजों की तबीयत
इन लैबों में तकनीशियनों को न तो उचित प्रशिक्षण मिला है और न ही वे मानक प्रक्रिया का पालन करते हैं, जिसके कारण जांच की रिपोर्टें गलत आ रही हैं। मरीजों के स्वास्थ्य की अनदेखी करते हुए ये लैब केवल आर्थिक लाभ के लिए चल रही हैं। गलत रिपोर्ट मिलने के कारण मरीज गलत दवा लेते हैं, जिससे उनकी बीमारी बढ़ जाती है या नई बीमारियां उभर आती हैं। कई बार दवाओं के गलत सेवन से मरीजों की मौत तक हो जाती है, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।
स्थानीय लोग इस समस्या से काफी परेशान हैं और मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस पर कठोर कार्रवाई करें। वे चाहते हैं कि केवल वैध और मान्यता प्राप्त पैथोलॉजी लैबों को ही जांच करने की अनुमति दी जाए ताकि मरीजों को सही और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि फर्जी लैबों पर लगातार निगरानी रखे और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर कड़ी सजा दी जाए।