गोरखपुर में बीजेपी-सपा कार्यकर्ता आमने-सामने, नारेबाजी और तनाव के बीच पुलिस ने संभाला मोर्चा

गोरखपुर में बीजेपी-सपा कार्यकर्ता आमने-सामने आ गये और नारेबाजी और तनाव के बीच पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 25 June 2025, 6:28 PM IST
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गोरखपुर: बुधवार को शहर में जबरदस्त हंगामा बरपा। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय गोरखपुर के दौरे पर थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विरासत गलियारे के निर्माण से प्रभावित व्यापारियों से मिलने पहुंचे माता प्रसाद पांडे को बीजेपी कार्यकर्ताओं और स्थानीय व्यापारियों ने घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी नारेबाजी हुई। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, लेकिन पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत किया।

क्या हुआ घटनाक्रम?

माता प्रसाद पांडे बुधवार को गोरखपुर के पांडे हाता पहुंचे थे, जहां वे विरासत गलियारे के निर्माण के मुद्दे पर व्यापारियों से मुलाकात करने वाले थे। योजना के तहत, वे तिवारी हाता जाकर मीडिया को भी संबोधित करने वाले थे। लेकिन नॉर्मल चौराहे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और कुछ व्यापारियों ने उनका काफिला रोक लिया। "सपा वापस जाओ" के नारे गूंजने लगे, और सपा कार्यकर्ताओं ने भी पलटवार में नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, हालांकि मामला हाथापाई तक नहीं पहुंचा।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों पक्षों को अलग-अलग किया। इसके बाद माता प्रसाद पांडे ने कुछ व्यापारियों से मुलाकात की और फिर अपने काफिले के साथ विरासत गलियारे होते हुए तिवारी हाता के लिए रवाना हो गए।

बीजेपी विधायक विपिन सिंह का बयान

गोरखपुर ग्रामीण से बीजेपी विधायक विपिन सिंह ने इस घटना पर सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जब गोरखपुर और पूरे प्रदेश का विकास हो रहा है, तब सपा इस तरह के हथकंडे अपनाकर सस्ती लोकप्रियता बटोरना चाहती है।

लेकिन गोरखपुर का व्यापारी वर्ग सपा के इन क्रिया-कलापों को अच्छी तरह समझ चुका है। यही कारण है कि माता प्रसाद पांडे और सपा का विरोध हो रहा है।"माता प्रसाद पांडे का जवाबनेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, "बीजेपी विकास के नाम पर व्यापारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। विरासत गलियारे के निर्माण में व्यापारियों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा, जिसके कारण वे परेशान हैं। हम उनके हक की लड़ाई लड़ने आए हैं, लेकिन बीजेपी इसे सियासी रंग देना चाहती है।"पुलिस की सक्रियतापुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों को शांत किया।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हमने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग किया, और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है।"सियासी घमासान का असर यह घटना गोरखपुर में बीजेपी और सपा के बीच बढ़ते सियासी तनाव को दर्शाती है। विरासत गलियारे के निर्माण को लेकर पहले से ही स्थानीय व्यापारियों में असंतोष है, और सपा इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है। वहीं, बीजेपी इसे विकास का प्रतीक बताकर सपा के विरोध को राजनीति से प्रेरित करार दे रही है।

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