

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1888 हेक्टेयर से भी ज्यादा जमीन की जरूरत है। इसके लिए प्लानिंग तैयार की जा रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
गौतमबुद्ध नगर: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के विस्तार की योजना अब तेजी से अमल में लाई जा रही है। इस चरण के अंतर्गत एयरपोर्ट की बुनियादी संरचना को और मजबूत करते हुए दो और रनवे, एविएशन इंडस्ट्री और विमान इंजन निर्माण केंद्र जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट शामिल हैं।
प्रशासन की ओर से विस्तार कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
1888.98 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण प्रस्तावित
नोएडा एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए प्रशासन को कुल 1888.98 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, जो जेवर क्षेत्र के 14 गांवों से अधिग्रहित की जाएगी। राहत की बात यह है कि कुछ जमीन पहले से ही प्रशासन के पास मौजूद है, जिससे प्रक्रिया कुछ हद तक सरल हो जाएगी।
9036 परिवार होंगे विस्थापित
प्रस्तावित विस्तार से कुल 9036 परिवार प्रभावित होंगे। इनमें 7977 पुरुष और 1385 महिलाएं शामिल हैं। प्रभावित क्षेत्रों में कुल जनसंख्या का आंकड़ा भी काफी बड़ा है — 18 वर्ष से कम उम्र के 10,847 बच्चे, 16,343 पुरुष, और 15,243 महिलाएं इन गांवों में निवास करते हैं। इससे स्पष्ट है कि यह परियोजना सिर्फ भौगोलिक नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय दृष्टि से भी बहुत बड़ी है।
पांच रनवे का होगा निर्माण
पहला चरण 1334 हेक्टेयर में एक रनवे का निर्माण कार्य जारी है। दूसरा चरण 1365 हेक्टेयर भूमि में दूसरा रनवे बनेगा और 800 एकड़ में एविएशन इंडस्ट्री की स्थापना की जाएगी। तीसरा और चौथा चरण में दो अतिरिक्त रनवे बनेंगे और 750 एकड़ क्षेत्र में विमान इंजन निर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, क्रॉसिंग रनवे और सर्विस रनवे का भी निर्माण प्रस्तावित है। सभी रनवे डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर होंगे ताकि वे स्वतंत्र रूप से संचालित किए जा सकें।
प्रभावित गांव
भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले गांवों में रोही, पारोही, बंकापुर, दयानतपुर, सबौता मुस्तफाबाद, मुकीमपुर शिवारा, किशोरपुर, बनवारीबांस, जेवर बांगर, रामनेर, अहमदपुर चौरोली, ख्वाजपुर, थोरा और नीमका शहाजहांपुर शामिल हैं। इन गांवों में 4 से 11 जुलाई 2025 के बीच लोक सुनवाई का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान किसान और अन्य प्रभावित पक्ष अपनी आपत्तियां और सुझाव जिला प्रशासन के समक्ष रख सकेंगे।
प्रशासन की तैयारियां तेज
जेवर के एसडीएम अभय सिंह ने जानकारी दी कि तीसरे और चौथे चरण के लिए किसानों के विस्थापन की तैयारी भी प्रारंभ कर दी गई है। प्रशासन की ओर से समय, तिथि और स्थान निर्धारित कर दिए गए हैं। जिससे लोक सुनवाई के माध्यम से हर किसान की आपत्तियों को गंभीरता से सुना जा सके और समाधान किया जा सके।