

कोल्हुई में नवजात की मौत के बाद अस्पताल संचालक सामान लेकर फरार हो गया, जिससे परिजनों में आक्रोश है। नवजात के पिता का आरोप है कि अस्पताल ने समय पर बच्चा रेफर नहीं किया, जिसके कारण उसकी जान गई।
अस्पताल बंदकर फरार हुआ संचालक
Maharajganj: कोल्हुई थाना क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। शिकायत के बाद जब लोग अस्पताल पहुंचे, तो संचालक सारा सामान लेकर फरार हो चुका था। इस घटना ने क्षेत्र में फर्जी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पोखरभिंडा निवासी विष्णु सहानी ने अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर 9 सितंबर को कोल्हुई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल संचालक ने मामला गंभीर बताकर ऑपरेशन की सलाह दी, जिसके लिए परिजन तैयार हो गए। ऑपरेशन के बाद नवजात की हालत बिगड़ने लगी, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने बच्चे को समय पर रेफर नहीं किया। 11 सितंबर को हालत गंभीर होने पर बच्चे को रेफर किया गया, लेकिन गोरखपुर ले जाते समय इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पिता विष्णु सहानी का कहना है कि अगर पहले दिन ही बच्चे को रेफर कर दिया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।
नवजात की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने कोल्हुई थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सोमवार दोपहर जब पीड़ित परिवार और कुछ लोग अस्पताल पहुंचे, तो वे दंग रह गए। अस्पताल बंद था और संचालक सारा सामान लेकर फरार हो चुका था। कोल्हुई थाने के एसओ गौरव कन्नौजिया ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है।
यह पहला मामला नहीं है जब फर्जी अस्पतालों की लापरवाही सामने आई हो। क्षेत्र में कई ऐसे अस्पताल संचालक नाम बदलकर फर्जी अस्पताल खोलते हैं और घटना होने पर पहले डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं। मामला बढ़ता देख, वे सारा सामान लेकर फरार हो जाते हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य महकमा और कोल्हुई पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि फर्जी अस्पतालों के बढ़ते नेटवर्क को भी उजागर करती है। प्रशासन को ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।