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उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उन्नाव में अंतर्राज्यीय वन्य जीव तस्करी गिरोह की दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके पास से प्रतिबंधित और संरक्षित प्रजातियों के 190 से अधिक पक्षी बरामद किए गए। गिरोह का सरगना राफिया का पति बताया जा रहा है, जो कई राज्यों में सप्लाई नेटवर्क चलाता था।
अपराधी महिलाएं गिरफ्तार
Unnao: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ को वन्य जीव तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। 31 अगस्त को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अंतर्राज्यीय वन्य जीव तस्करी गिरोह की दो महिला सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दोनों महिलाएं उन्नाव जिले के तालिब सराय मोहल्ले की रहने वाली हैं और इनके कब्जे से बड़ी संख्या में प्रतिबंधित और संरक्षित पक्षियों को बरामद किया गया है।
गिरफ्तार महिलाओं की पहचान
गिरफ्तार आरोपियों के नाम राफिया पत्नी मो. इदरीश और गुरनाज बानो पत्नी मो. सगीर हैं। दोनों तालिब सराय थाना कोतवाली सदर जनपद उन्नाव की निवासी हैं।
गिरफ्तारी मोहल्ला तालिब सराय स्थित एक मकान से हुई। जहां यह महिलाएं तस्करी के उद्देश्य से दुर्लभ और संरक्षित पक्षियों को रखे हुई थी।
बरामद पक्षियों का विवरण इस प्रकार है
इन अफसरों को मिली सफलता
इस छापेमारी में वन विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। एसटीएफ की टीम में उपनिरीक्षक फैजुद्दीन सिद्दीकी, मुख्य आरक्षी श्रीकृष्ण गिरी और कमांडो आफताब शामिल थे। इनको गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त मोहल्ले में वन्य जीवों की अवैध तस्करी की जा रही है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए टीम ने वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी अरविंद कुमार शुक्ला के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी कर यह कार्रवाई की।
गिरफ्तार महिलाओं ने पूछताछ में किए अहम खुलासे
पूछताछ में राफिया ने स्वीकार किया कि उनका एक संगठित तस्कर गिरोह है, जिसका संचालन उसका पति करता है। यह गिरोह विभिन्न माध्यमों से वन्य जीवों को स्थानीय स्तर पर इकट्ठा करता है और फिर इन्हें बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता है।
तीतर के मांस को बेचा जाता था
गिरोह द्वारा पहाड़ी तीतर के मांस को स्थानीय बाजारों में भी महंगे दामों पर सप्लाई किया जाता है। बरामद लाल मुनिया और तोते जैसी कई प्रजातियां वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित (गेट-1) श्रेणी में आती हैं। जिनकी तस्करी दंडनीय अपराध है।
इन धाराओं में मुकदमा दर्ज
गिरफ्तार महिलाओं के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 11, 39, 42(ए), 48(ए), 48(बी), 49, 50, 51 के तहत रेंज केस संख्या 14/2025-26 दर्ज किया गया है। इस मामले की अग्रिम कार्रवाई वन विभाग और प्रभाग रेंज उन्नाव द्वारा की जा रही है।