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गोरखपुर में स्कूल की बड़ी लापरवाही! छत का हिस्सा गिरने से छात्र की हालत नाजुक

गोरखपुर के ग्राम पंचायत बालापार स्थित कंपोजिट विद्यालय से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। शनिवार को स्कूल में पढ़ने आया एक मासूम छात्र उस समय गंभीर रूप से घायल हो गया जब स्कूल की जर्जर छत का प्लास्टर उसके ऊपर आकर गिर पड़ा।
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखपुर में स्कूल की बड़ी लापरवाही! छत का हिस्सा गिरने से छात्र की हालत नाजुक

Gorakhpur: गोरखपुर जनपद के चरगांवा विकासखंड अंतर्गत चिलुआताल थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बालापार स्थित कंपोजिट विद्यालय से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। शनिवार को स्कूल में पढ़ने आया एक मासूम छात्र उस समय गंभीर रूप से घायल हो गया जब स्कूल की जर्जर छत का प्लास्टर उसके ऊपर आकर गिर पड़ा।

डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट के अनुसार प्राप्त जानकारी के अनुसार, बालापार कंपोजिट विद्यालय में कक्षा में बैठा छात्र बिक्रम पुत्र नीरज चौहान रोज की तरह रूटीन में स्कूल पहुंचा था। उसी दौरान अचानक कक्षा की छत से भारी मात्रा में प्लास्टर टूटकर सीधे उसके सिर पर गिर पड़ा। हादसे के बाद बच्चे के सिर में गंभीर चोट आई और वह बेहोश हो गया। आसपास मौजूद शिक्षक व छात्र-छात्राओं में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में शिक्षक और स्टाफ ने घायल छात्र को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

शिक्षा अधिकारी का लिखा पत्र

मेडिकल कॉलेज में घायल छात्र का इलाज जारी है, परिजन बेसुध हालत में अस्पताल परिसर में बैठे हैं। बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस हादसे के बाद स्कूल प्रबंधन की लापरवाही और सरकारी भवनों की दुर्दशा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय भवन की हालत काफी समय से जर्जर है, लेकिन विभाग द्वारा इसकी मरम्मत की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक चेतावनी है कि अगर स्कूलों की मरम्मत और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। क्या सिर्फ एक जांच समिति बनाकर बात खत्म कर दी जाएगी या दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे? सवाल यह भी है कि क्या शिक्षा विभाग ऐसे खस्ताहाल स्कूल भवनों का कभी संज्ञान लेगा, या फिर मासूम जानें इसी तरह सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेंगी?

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