

समाजवादी पार्टी का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज बरेली का दौरा करेगा। यह टीम हाल ही में हुई हिंसा और पुलिस कार्रवाई की जांच करेगी। टीम पीड़ितों से मुलाकात कर रिपोर्ट तैयार करेगी। दौरे का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे कर रहे हैं। प्रशासन अलर्ट मोड में है।
बरेली हिंसा की जांच को पहुंचेगी सपा की टीम
Bareilly: समाजवादी पार्टी (सपा) आज बरेली का दौरा करने जा रही है। पार्टी ने 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया है, जिसका नेतृत्व विधानसभा में विपक्ष नेता माता प्रसाद पांडे करेंगे। यह टीम जिले में हालिया हिंसा और पुलिस कार्रवाई की घटनाओं का स्वयं निरीक्षण करेगी।
प्रतिनिधिमंडल में सपा के कई बड़े चेहरे शामिल हैं। मुजफ्फरनगर से सांसद हरेंद्र मलिक, कैराना से इकरा हसन, संभल से जियाउर्रहमान बर्क, रामपुर से मोहिबुल्लाह नदवी और नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, प्रवीण सिंह ऐरन सहित अन्य सांसद व पूर्व विधायक शामिल है। इन सभी का उद्देश्य 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुई पुलिस कार्रवाई और हिंसा की घटनाओं की निष्पक्ष जांच करना है।
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सपा का आरोप है कि जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के प्रयास के दौरान पुलिस और पीएसी ने निर्दोष लोगों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया। जिन प्रमुख दावों पर उन्होंने प्रकाश डाला हैलगभग 81 लोगों को जेल भेजा गया , चार बारात घर सीज किए गए कई मकान और दुकानें बुलडोजर से ध्वस्त। तीन लोगों को एनकाउंटर की आड़ में हिरासत में लिया गया। प्रतिनिधिमंडल इन पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनेगा, स्थिति का बारीकी से जायजा लेगा और डीआईजी तथा कमिश्नर से मुलाकात कर न्याय की मांग करेगा।
बरेली हिंसा
बरेली दौरे का समापन होते ही प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय को सौंप देगा। रिपोर्ट के आधार पर सपा आगे की राजनीतिक रणनीति तय करेगी।
दूसरी ओर, बरेली प्रशासन अलर्ट मोड पर है। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है । 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान हालात में किसी भी राजनीतिक सभा पर पाबंदी रहेगी। हिंसा के बाद बने तनाव को देखते हुए ड्रोन सर्विलांस, गश्त और सुरक्षा बढ़ाई गई है
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राजनीति में यह प्रतिनिधिमंडल दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सपा इसे पीड़ितों की आवाज़ बुलंद करने का प्रयास बता रही है, जबकि प्रशासन शांति बनाए रखने पर जोर दे रहा है। ‘आई लव मुहम्मद’ विवाद से उपजी हिंसा ने बरेली को अत्यधिक संवेदनशील बना दिया है। ऐसे में इस दौरे की रिपोर्ट और प्रतिनिधियों की कार्रवाई से अगले कुछ दिनों की राजनीति पर असर पड़ेगा।