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बरेली में डॉ. नताशा अल्ट्रासाउंड सेंटर ने 8.8mm की पथरी को 2-2.5mm दिखा दी। गलत रिपोर्ट के कारण मरीज़ अयाज़ खान की हालत गंभीर हुई। देर रात कई अस्पतालों में जद्दोजहद के बाद सही इलाज हुआ। इस घटना ने स्वास्थ्य जांच की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया।
गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने मरीज़ की जान पर खेला
Bareilly: बरेली के बहेड़ी लोधीपुर स्थित डॉ. नताशा अल्ट्रासाउंड सेंटर में बीती 3 तारीख को करीब 4 बजे मरीज़ अयाज़ खान अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचे। MBBS और MD लिखे होने पर भरोसा कर मरीज़ ने सेंटर का चयन किया, लेकिन उसे क्या पता था कि 8.8mm की पथरी को केवल 2-2.5mm दिखा दिया जाएगा।
गलत रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया गया, लेकिन मरीज़ की तबियत लगातार बिगड़ती गई। परेशान मरीज़ डॉ. ज़हीर के पास गए, जहाँ ब्लेडर में नलकी डालकर पेशाब निकालने से कुछ राहत मिली। घर लौटकर मरीज़ ने अधिक पानी पिया, लेकिन पूरी रात वही परेशानी बनी रही।
मरीज़ की पेशाब बंद हो गई और ब्लेडर में पेशाब जमा होने लगा। रात करीब 2 बजे घबराए हुए मरीज़ और उनके परिजन “यूनिटी हॉस्पिटल” पहुंचे। यहाँ पेनिस में गलत नलकी डालने से अधिक रक्तस्राव शुरू हो गया। मरीज़ ने डॉ. से पूछा कि क्या केस बिगड़ गया है। डॉ. ने चेतावनी दी कि अब ब्लड नहीं रुकेगा और मरीज़ को बरेली या रुद्रपुर जाने की सलाह दी।
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रात में ही मरीज़ को बरेली ले जाया गया। रास्ते भर ब्लड बहता रहा। M खान हॉस्पिटल में सुबह करीब 4 बजे पहुंचे, जहां डॉ. ने समझाया कि केस बिगड़कर लाया गया है। इसके बावजूद एक अनुभवी डॉक्टर ने सही तरीके से नलकी डालकर पेशाब निकाला और ब्लड भी साफ किया, जिससे मरीज़ को आराम मिला।
मेडिकल रिपोर्ट
इसके बाद मरीज़ को लेंडमार्क अल्ट्रासाउंड सेंटर में जांच कराई गई। सही अल्ट्रासाउंड में 8.8mm की पथरी मिली और ऑपरेशन के दौरान कई बड़े टुकड़े निकले। सही इलाज के बाद मरीज़ की हालत स्थिर हुई।
इस घटना ने साबित किया कि गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट मरीज़ की जान पर भी संकट ला सकती है। मरीज और परिजन ने इस पूरे ordeal का वीडियो और डॉक्यूमेंटेशन भी तैयार किया, जिससे सबूत मौजूद हैं।
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इस घटना ने स्वास्थ्य जांच और इलाज की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। मरीज़ और परिजनों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि लोग केवल प्रमाणित और भरोसेमंद सेंटर का ही चयन करें। गलत रिपोर्ट और लापरवाही कभी-कभी जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।