

बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। लगातार बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण नदी उफान पर है। कई गांवों में पलायन की स्थिति बन गई है और लोग तटबंधों की ओर शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं।
सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा
Barabanki: बाराबंकी में सरयू नदी ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। नेपाल से छोड़े गए पानी और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार शाम को नदी का जलस्तर 106.210 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 106.070 मीटर से 15 सेंटीमीटर ऊपर है।
हर घंटे बढ़ रहा जलस्तर
सरयू नदी का जलस्तर प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। इससे तराई क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों से बोरिया-बिस्तर समेटकर तटबंधों और ऊंचे स्थानों की ओर पलायन की तैयारी में जुट गए हैं।
संजय सेतु से दिखा सरयू का विकराल रूप
संजय सेतु से सरयू नदी का विकराल रूप साफ देखा जा सकता है। नदी का तेजी से हो रहा कटाव तटवर्ती गांवों के लिए गंभीर खतरा बन गया है। गांवों के किनारे की जमीन नदी में समा रही है, जिससे लोगों का जीवन और संपत्ति दोनों खतरे में पड़ गई है।
इन गांवों पर मंडरा रहा खतरा
सिरौलीगौसपुर तहसील के तेलवारी, गोबरहा, टेपरा, सरदहा, कहारन पुरवा और बघौली पुरवा जैसे गांवों में बाढ़ का अत्यंत गंभीर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीण राजाराम, ननकी, अनिल आदि ने बताया कि पानी तेजी से गांवों की ओर बढ़ रहा है। जैसे ही नदी का पानी घरों में घुसेगा, लोग बांधों पर शरण लेने को मजबूर हो जाएंगे।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। न तो राहत शिविरों की तैयारी की गई है और न ही नावों या ट्रैक्टरों की व्यवस्था। ऐसे में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने पर जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
आपदा प्रबंधन की चुनौती
सरयू नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने आपदा प्रबंधन विभाग की नींद उड़ा दी है। हालांकि प्रशासन की ओर से निगरानी तेज कर दी गई है और संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर तैयारियों का अभाव लोगों की चिंता बढ़ा रहा है।