

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में खनन माफिया की दबंगई अब खुलेआम सामने आ रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सतरिख थाना क्षेत्र थाना पुलिस
बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में खनन माफिया की दबंगई अब खुलेआम सामने आ रही है। सतरिख थाना क्षेत्र के अख्तियारपुर गांव में खनन माफिया द्वारा किसानों की निजी भूमि से जबरन खनन किए जाने का मामला उजागर हुआ है। इस घटनाक्रम से न केवल ग्रामीणों में आक्रोश है, बल्कि प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, ग्रामीणों का कहना है कि न उन्होंने अपनी जमीन बेची है और न ही खनन की कोई अनुमति दी है, बावजूद इसके उनकी जमीन से मिट्टी खनन माफिया द्वारा उठाई जा रही है। पीड़ित किसानों रंजीत कुमार, गंगाराम और हरिश्चंद्र ने स्पष्ट रूप से बताया कि यह कार्य पूरी तरह अवैध और जबरन है।
खनन माफिया की दबंगई का आलम यह है कि जब ग्रामीणों ने विरोध किया, तो उन्हें धमकाया गया। यहां तक कि रात के अंधेरे में चोरी-छिपे खनन का काम जारी रहा। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि यह सबकुछ राजस्व और पुलिस विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। उनका कहना है कि संबंधित अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
पुलिस को सूचना मिलने पर हालांकि खनन कार्य को बंद कराया गया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। गांव की सड़कें धूल से पट गई हैं। तेज रफ्तार डंपरों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और दुकानदारों व राहगीरों को धूल और मिट्टी से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खनन कार्य निर्धारित समय से पहले और अवैध रूप से रात में किया जा रहा है, जिससे साफ है कि खनन माफिया नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यह पूरा मामला सरकारी तंत्र की निष्क्रियता और स्थानीय प्रभाव की पोल खोलता है।
एसडीएम सदर आनंद कुमार तिवारी ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा है कि यदि बिना अनुमति के किसी किसान की भूमि पर खनन किया गया है, तो इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला एक बड़ा सवाल खड़ा करता है क्या कानून से ऊपर हैं खनन माफिया? और क्या प्रशासन की चुप्पी साजिश नहीं तो और क्या है?