

बाराबंकी में आकाशीय बिजली का जानलेवा कहर देखने को मिला, बिजली गिरने से एक युवक की मौत गो गई जबकि 5 लोग घायल हो गये।
घायलों का इलाज करते डॉक्टर
Barabanki: बाराबंकी में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गए जबकि पांच लोग घायल हो गए घायलों का अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नेरी गांव में धान की रोपाई के दौरान बिजली गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के अनुसार, नेरी गांव निवासी रामनाथ के खेत में धान की रोपाई का कार्य चल रहा था। इसमें गांव के ही कई मजदूर लगे हुए थे।
इसी दौरान अचानक तेज गर्जना के साथ बिजली गिर गई, जिसकी चपेट में आकर 6 मजदूर झुलस गए। घायलों को तत्काल उपचार के लिए सीएचसी फतेहपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने रमा पुरवा निवासी पवन कुमार (32) पुत्र झब्बू को मृत घोषित कर दिया। अन्य घायलों का इलाज अस्पताल में लगातार जारी है। घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम कार्तिकेय सिंह और तहसीलदार वैशाली अहलावत मौके पर पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार घायलों का निजी चिकित्सालय में इलाज चल रहा है और सभी घायल अब खतरे से बाहर है। घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्रीय विधायक साकेन्द्र प्रताप वर्मा ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
आकाशीय बिजली से होने वाली मौतें
भारत में हर साल औसतन 2,000-2,500 मौतें आकाशीय बिजली गिरने से होती हैं। प्राकृतिक कारणों से होने वाली आकस्मिक मौतों का सबसे बड़ा कारण आकाशीय बिजली है। आकाशीय बिजली से होने वाली मौतों का रिकॉर्ड गैर-लाभकारी संगठन ‘क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्ज़र्विंग सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल’ द्वारा तैयार किया जाता है।
इसके बावजूद आकाशीय बिजली देश में सबसे कम अध्ययन की जाने वाली वायुमंडलीय घटनाओं में से एक है। पुणे स्थित ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैनेजमेंट’ में वैज्ञानिकों का सिर्फ एक समूह ही गरज और आकाशीय बिजली पर पूर्णकालिक कार्य करता है। वैज्ञानिकों के पास इस पर शोध करने के लिये पर्याप्त डाटा नहीं है। ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैनेजमेंट’ के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में, विशेषकर हिमालय की तलहटी के पास के क्षेत्रों में, बिजली गिरने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।