

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में एक किसान की दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। घुघटेर थाना क्षेत्र के बीरमपुर मजरे अखाईपुर गांव का 27 वर्षीय युवक रामसेवक उर्फ बबलू, पुत्र अमर सिंह यादव, रोज़ की तरह अपने खेत की जुताई करने के लिए घर से निकला था। लेकिन उसे नहीं पता था कि यह उसकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित होगा।
बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा
Barabanki: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में एक किसान की दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। घुघटेर थाना क्षेत्र के बीरमपुर मजरे अखाईपुर गांव का 27 वर्षीय युवक रामसेवक उर्फ बबलू, पुत्र अमर सिंह यादव, रोज़ की तरह अपने खेत की जुताई करने के लिए घर से निकला था। लेकिन उसे नहीं पता था कि यह उसकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रामसेवक सुबह ट्रैक्टर लेकर खेत की जुताई के लिए निकला था। जैसे ही वह गांव के समीप स्थित एक माइनर (छोटी नहर) को पार कर रहा था, अचानक ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया। अनियंत्रित ट्रैक्टर सीधे माइनर में जा गिरा और पलट गया। दुर्भाग्यवश, रामसेवक ट्रैक्टर के नीचे दब गया। खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने हादसा देखा तो तुरंत दौड़ पड़े और बड़ी मशक्कत के बाद युवक को बाहर निकाला।
गंभीर रूप से घायल रामसेवक को परिजन आनन-फानन में घुघटेर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां तैनात चिकित्सकों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में रामसेवक ने दम तोड़ दिया।
रामसेवक की मौत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी और छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में भी मातमी सन्नाटा पसर गया है। पड़ोसी और रिश्तेदार शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंच रहे हैं।
घुघटेर थाना अध्यक्ष बेचू सिंह यादव ने बताया कि अभी तक परिजनों की ओर से कोई लिखित तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। यदि वे प्रार्थना पत्र देते हैं तो नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा।
इस हादसे ने एक बार फिर से ग्रामीण इलाकों में कृषि कार्यों के दौरान बरती जाने वाली सुरक्षा सावधानियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रैक्टर जैसे भारी वाहन का संचालन जोखिम भरा होता है, खासकर जब रास्ते संकरे और असंतुलित हों।
गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि माइनर पर मजबूत पुलिया बनवाई जाए और ऐसे हादसों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। वहीं, रामसेवक की असमय मौत ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि किसानी करना सिर्फ मेहनत ही नहीं, बल्कि जोखिम भरा काम भी है।