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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान को अमर सिंह परिवार पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया। जेल में बंद आज़म खान को व्यक्तिगत पेशी के लिए बुलाया गया था।
आजम खान को मिली राहत (Img: Google)
Rampur: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म खान को अमर सिंह परिवार पर विवादित टिप्पणी करने के लगभग एक दशक पुराने मामले में बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में आज़म खान को बरी कर दिया। यह फैसला उनके जेल में बंद रहने के दौरान आया, जिसने सियासी हलचल के बीच उन्हें कानूनी राहत प्रदान की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला उस समय का है जब आज़म खान ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए राज्यसभा सदस्य रहे अमर सिंह की बेटियों को लेकर एक अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी। इस कथित टिप्पणी के बाद अमर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताते हुए नोएडा से लेकर लखनऊ तक रैली निकाली और इसके बाद डीजीपी के आदेश पर उनके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया गया।
चूंकि संबंधित इंटरव्यू जौहर विश्वविद्यालय परिसर में दिया गया था, इसलिए कानूनी प्रक्रिया के तहत केस को लखनऊ से रामपुर के अजीमनगर थाने में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने जांच पूरी करते हुए आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया, जिसके बाद मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल के लिए भेजा गया।
मंगलवार को इस केस में अंतिम बहस पूरी कर ली गई थी और अदालत ने निर्णय के लिए 28 नवंबर की तारीख तय की थी। कोर्ट ने आज़म खान को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को जब सुनवाई शुरू हुई, तो जेल प्रशासन आज़म खान को अदालत में पेश करने की तैयारी करने लगा। लेकिन बताया जाता है कि आज़म खान ने कैदियों को पेशी पर ले जाने वाली बड़ी जेल वैन में बैठने से इंकार कर दिया।
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इस स्थिति में अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी पेशी सुनिश्चित कराई। वीसी के जरिए पेश होने के दौरान आज़म खान ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें भी दर्ज कराईं। इसके बाद अदालत ने मामले से जुड़े समस्त साक्ष्यों की समीक्षा करने के उपरांत कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा है। न्यायालय ने स्पष्ट रूप से माना कि उपलब्ध साक्ष्य आरोपों की पुष्टि नहीं करते, इसलिए आज़म खान को दोषमुक्त किया जाता है।