

जिले के तालेपुर में अपनी ही तीन बच्चों की हत्या करने वाली मां को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। महिला ने अपने तीन मासूमों को सेगुर नदी में फेंककर उनकी हत्या कर दी थी, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था। इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया था और अदालत में मामले की सुनवाई जारी रखी थी। आज न्यायाधीश सैफ अहमद ने महिला को फांसी की सजा दी।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
Auraiya News: औरैया जिले के तालेपुर में अपने ही तीन मासूमों को बेरहमी से नदी में फेंक कर उनकी हत्या करने वाली महिला को आज एडीजे-3 न्यायाधीश सैफ अहमद ने फांसी की सजा सुनाई। यह घटना पिछले कुछ समय पहले की है, जब एक मां ने अपने ही तीन बच्चों की जिंदगी को समाप्त कर दिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी, और अब न्यायालय ने इस जघन्य अपराध के लिए महिला को फांसी की सजा दी है।
जानें कैसे हुआ था हत्याकांड
घटना औरैया कोतवाली क्षेत्र के तालेपुर गांव की है, जहां एक महिला ने अपने तीन बच्चों को सेगुर नदी में फेंककर उनकी हत्या कर दी थी। आरोप है कि महिला ने अपनी संतान से नफरत करते हुए उन्हें मार डाला। जिससे गांव के लोग हैरान रह गए। यह घटना एक आम घरेलू विवाद का परिणाम बताई जा रही थी, लेकिन उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि महिला इतनी क्रूरता से अपने बच्चों की जान ले लेगी।
पुलिस की कार्रवाई
इस जघन्य हत्याकांड के बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए महिला को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने महिला से पूछताछ की, जिसमें उसने अपनी जुर्म स्वीकार कर लिया था। इसके बाद से ही यह मामला मीडिया में सुर्खियां बन गया और न्याय की उम्मीद में लोगों ने अदालत की ओर नजरें जमाई थीं।
अदालत में महिला का अपराध साबित होना
आज की सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी गवाहों और सबूतों का संज्ञान लिया और महिला को दोषी ठहराया। न्यायालय ने यह माना कि महिला ने अपने बच्चों की हत्या करने के लिए जान-बूझकर उन्हें नदी में फेंका, और उसके इस क्रूर कार्य के लिए उसे कठोर सजा दी जानी चाहिए। न्यायाधीश सैफ अहमद ने महिला को फांसी की सजा दी, साथ ही यह भी कहा कि ऐसे अपराधों के लिए समाज में कड़ी सजा देने की आवश्यकता है ताकि अन्य लोग भी इससे शिक्षा लें और इस तरह के जघन्य अपराधों से बचें।
सजा से जुड़ी अदालत की टिप्पणियां
सजा सुनाते हुए न्यायाधीश सैफ अहमद ने कहा कि यह घटना न केवल क्रूर है, बल्कि यह समाज के लिए एक कड़ा संदेश है। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की हत्या जैसे अपराध समाज के लिए एक बड़ा खतरा साबित होते हैं, और ऐसे मामलों में सजा बेहद जरूरी है ताकि अपराधियों के मन में डर बना रहे। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और न्यायिक व्यवस्था की जरूरत है।
न्याय मिलने से पीड़ितों को राहत
इस फैसले के बाद तीन बच्चों के परिवार वाले और पूरे इलाके में पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों में सख्त सजा देने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है, ताकि समाज में अपराधियों के खिलाफ भय पैदा किया जा सके।