

यूपी ATS के स्पेशल ऑपरेशन के तहत यह कार्रवाई की गई। गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्धों पर आरोप है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क में थे और देश विरोधी गतिविधियों की योजना बना रहे थे।
चार संदिग्ध गिरफ्तार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस (Anti-Terrorism Squad) ने देश में शरिया कानून लागू करने की मुहिम में संलिप्त चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। बीती रात अलग-अलग स्थानों से ये गिरफ्तारी हुई। इस मामले में अकरम, सफी, तौहीद और कासिम नामक संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
गिरफ्तारी का विवरण
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार संदिग्ध सुल्तानपुर, कानपुर, सोनभद्र और रामपुर के अलग-अलग क्षेत्रों से पकड़े गए। यूपी ATS के स्पेशल ऑपरेशन के तहत यह कार्रवाई की गई। गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्धों पर आरोप है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क में थे और देश विरोधी गतिविधियों की योजना बना रहे थे।
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कानूनी कार्रवाई
राजधानी लखनऊ के ATS थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया है। एटीएस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद सभी चारों को जेल भेज दिया गया है और उनकी जमानत पर कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है। इसके साथ ही मामले की गहराई से जांच की जा रही है और आवश्यकतानुसार और भी गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है।
देश सुरक्षा पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि एटीएस की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए अहम है। सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकवादी संगठनों का संपर्क एक गंभीर चिंता का विषय है। इस मामले में समय पर कार्रवाई होने से संभावित खतरे को टाला गया है और देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिली है।
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एटीएस की रणनीति और सतर्कता
उत्तर प्रदेश ATS ने बताया कि स्पेशल ऑपरेशन और गहन जांच के तहत संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। सतर्कता और समय पर कार्रवाई के कारण ही संदिग्धों को पकड़ना संभव हुआ। एजेंसी का मानना है कि इससे अन्य संभावित देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों के लिए भी चेतावनी संदेश गया है।
आगामी कार्रवाई
एटीएस अब मामले की जांच और संदिग्धों के नेटवर्क को खोलने में लगी हुई है। एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियों की संभावना है। गिरफ्तार संदिग्धों के पास से जुटाई गई जानकारी से यह स्पष्ट होगा कि उनके नेटवर्क का दायरा कितना विस्तृत है और अन्य संभावित खतरों का पता कैसे लगाया जा सकता है।