झाड़ियों में मिला मासूम, ICU में भर्ती; संतानहीन दंपत्ति ने गोद लेने की जताई इच्छा, जानें पूरा मामला

महराजगंज जिले के घुघली क्षेत्र में झाड़ियों से मिला मासूम अब ICU में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। वहीं, संतान सुख से वंचित दंपत्ति ने इस बच्चे को गोद लेने की इच्छा जाहिर करते हुए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 8 September 2025, 3:30 PM IST
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Maharajganj: महराजगंज जिले में मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। घुघली नगर पंचायत के वार्ड नंबर 11 निवासी राजन गौड़ ने जिलाधिकारी से पत्र लिखकर एक मासूम बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई है। दरअसल, यह बच्चा 3 सितंबर की सुबह बैकुंठी नदी घाट के पास झाड़ियों में अचेत अवस्था में मिला था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घटना घुघली नगर पंचायत के वार्ड नंबर 11 की है, जहां निवासी हरिश्चंद्र गौड़ सुबह 5 बजे सब्जी लेने गांव की ओर जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें झाड़ियों के पास से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। जब वे पास पहुंचे तो देखा कि एक मासूम नवजात बच्चा अचेत अवस्था में पड़ा था।

हरिश्चंद्र गौड़ ने बिना देर किए बच्चे को उठाकर अपने घर लाया और स्थानीय पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल बच्चा ICU में भर्ती है और डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। उसकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।

 गोद लेने को आगे आए दंपत्ति

बच्चे के मिलने के बाद जहां इलाके में चिंता और संवेदना का माहौल है, वहीं एक संतानहीन दंपत्ति ने इस मामले में उम्मीद की किरण जगाई है। राजन गौड़ और उनकी पत्नी, जो वर्षों से संतान सुख से वंचित हैं, उन्होंने इस बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताते हुए जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा से मुलाकात की।

राजन गौड़ ने लिखित प्रार्थना पत्र के माध्यम से कहा है कि वे इस मासूम की पूरी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं और उसे अपने बच्चे की तरह पालना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे बच्चे की परवरिश, शिक्षा और सुरक्षा में कोई कमी नहीं आने देंगे।

 प्रशासन कर रहा है मामले की जांच

जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा और जिला प्रोबेशन अधिकारी कन्हैया यादव ने दंपत्ति की बात गंभीरता से सुनी है और मामले की कानूनी प्रक्रिया के अनुसार आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी प्रावधानों और बाल अधिकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाएगी।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चे की पहचान, परिवार और उसके लावारिस होने के पीछे के कारणों की जांच भी की जा रही है। अगर कोई लापरवाही या आपराधिक मंशा पाई जाती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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