

अलीगढ़ जिले के थाना बन्ना देवी के अंतर्गत रसलगंज इलाके से एक बेहद शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
बसपा नेता, सलमान शाहिद और सपा नेता, अज्जू इसहाक
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के थाना बन्ना देवी के अंतर्गत रसलगंज इलाके से एक बेहद शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है जिसने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। बताया जा रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ अलीगढ़ में आयोजित 'अलीगढ़ बंद' के दौरान एक मासूम मुस्लिम छात्र को कुछ तथाकथित हिंदू नेताओं ने निशाना बनाया और उसके साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे गुस्सा और आक्रोश फैल रहा है।
स्कूल से लौट रहे छात्र को बनाया निशाना
प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार, जब एक मुस्लिम छात्रा और एक छात्र स्कूल से घर लौट रहे थे, तो कथित हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया। छात्रा के साथ बदसलूकी की कोशिश की गई, जबकि छात्र को जबरन कॉलर पकड़कर पाकिस्तानी झंडे की ओर खींचा गया। आरोप है कि छात्र को 'पाकिस्तानी झंडे' पर पेशाब करने के लिए मजबूर किया गया और उससे 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे भी लगवाए गए।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस शर्मनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया। एक तरफ जहां हर तरफ इस घटना की निंदा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दलों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
राजनीतिक दलों का तीखा विरोध
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे पूरी तरह असंवैधानिक और अमानवीय बताया है। बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि खुद को देशभक्त कहने वाले लोग दरअसल इस तरह मासूम बच्चों को निशाना बनाकर देश का माहौल खराब कर रहे हैं और देश में नफरत की दीवार खड़ी कर रहे हैं। यह अपने आप में आतंकी मानसिकता है। सपा के जिला प्रवक्ता ने कहा कि जब बंद का आह्वान किया गया था, तो मुस्लिम समुदाय ने सहयोग दिखाया और शांतिपूर्वक व्यवहार किया। इसके बावजूद समुदाय के बच्चों को निशाना बनाना दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?
साम्प्रदायिक समानता पर बड़ा खतरा
इस घटना से इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका है। हालांकि, अभी तक किसी बड़ी हिंसक झड़प की खबर नहीं है। पुलिस प्रशासन मामले की जांच कर रहा है, लेकिन अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में स्थानीय जनता में गुस्सा है और लोग मांग कर रहे हैं कि इस कृत्य में शामिल लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
सपा और बसपा दोनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और उन लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए जो राजनीतिक या सांप्रदायिक मकसद से मासूम बच्चों को निशाना बना रहे हैं।