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अलीगढ़ के थाना रोरावर इलाके में शादी समारोह में तेज डीजे की शिकायत करने पर परिवार पर नशे में धुत कुछ लोगों ने हमला कर दिया। मारपीट में महिलाओं समेत पांच लोग घायल हुए। पीड़ितों ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
शादी में डीजे विवाद से भड़का झगड़ा
Aligarh: थाना रोरावर इलाके में शाहजमाल क्षेत्र के एक शादी समारोह में डीजे की तेज आवाज को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। जानकारी के मुताबिक, देर रात तेज आवाज में डीजे बजाने के कारण एक परिवार ने आयोजकों से डीजे कम करने का अनुरोध किया।
परिवार के आरोप के अनुसार, इसी दौरान समारोह में उपस्थित कुछ लोग नशे की हालत में थे और उन्होंने परिवार की बात का विरोध किया। विवाद बढ़ता गया और अचानक मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई।
घटना के दौरान महिलाओं समेत पांच लोग घायल हो गए। घायल परिवार के लोग स्थानीय अस्पताल में उपचार के लिए ले जाए गए। घायल लोगों में गंभीर चोटों की जानकारी मिली है, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
परिवार ने बताया कि जब उन्होंने डीजे की आवाज कम करने की बात कही, तो नशे में धुत लोग और अन्य युवक उनके ऊपर टूट पड़े। मारपीट में परिवार के लोग बेसुध हुए और स्थानीय लोगों को बुलाने की स्थिति बन गई।
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने तत्काल थाना रोरावर पुलिस को सूचित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हमला संगठित तरीके से किया गया और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। परिवार ने पुलिस से तुरंत कार्रवाई करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

थाना प्रभारी रोरावर ने बताया कि तहरीर मिलते ही मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शादी समारोहों में तेज आवाज में डीजे और नशे की हालत में लोग अक्सर झगड़े की स्थिति पैदा करते हैं। ऐसे हालात में न सिर्फ परिवार के लोग, बल्कि आसपास के लोग भी खतरे में पड़ जाते हैं।
स्थानीय समाजसेवक और पंचायत सदस्यों ने घटना की निंदा की और दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की सलाह दी। उनका कहना है कि समाज में इस तरह की हिंसा बढ़ रही है, जिससे माहौल असुरक्षित हो रहा है।
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अलीगढ़ जैसे शहरों में शादी समारोह और सामाजिक आयोजनों में अक्सर नशे और तेज आवाज की समस्या सामने आती रही है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह न केवल कानूनी मुद्दा है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी मामला है।
शादी आयोजक, परिवार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ऐसे आयोजनों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि विवाद को बातचीत से हल करने की बजाय हिंसा की राह लेना कितनी बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।