

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने एआई तकनीक के जरिए डुप्लीकेट मतदाताओं को सूची से हटाने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर तंज कसा।
अखिलेश यादव का आयोग पर हमला
Lucknow: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक के जरिए डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करने का फैसला किया है। इस तकनीक के माध्यम से ऐसे मतदाताओं को सूची से हटा दिया जाएगा, जिनके नाम एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों में दर्ज हैं। इस निर्णय को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंभीर सवाल उठाए हैं और चुनाव आयोग पर तंज कसा है।
एआई के जरिए डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान
उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे एआई तकनीक का उपयोग करके उन डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करें, जिनके नाम एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों में सूचीबद्ध हैं। इसके बाद इन मतदाताओं को चुनावी सूची से हटा दिया जाएगा। इसके लिए बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करें।
अखिलेश यादव का आयोग पर हमला
अखिलेश यादव का चुनाव आयोग पर हमला
इस तकनीकी पहल के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि अगर आयोग एआई के जरिए अपना घपला पकड़ सकता है, तो फिर समाजवादी पार्टी द्वारा दिये गए हलफनामों (एफिडेविट्स) का क्यों जवाब नहीं दिया गया। अखिलेश यादव ने लिखा, "जब जुगाड़ आयोग AI से सवा करोड़ का अपना घपला पकड़ सकता है, तो फिर हमारे द्वारा दिए गए 18,000 में से 14 हलफनामों का जवाब देने के बाद बचे 17,986 हलफनामों का जवाब क्यों नहीं दिया गया?" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आयोग ने सिर्फ 14 हलफनामों का जवाब दिया और बाकी के 17,986 हलफनामों को नजरअंदाज कर दिया।
सम्राट चौधरी को अखिलेश यादव की नसीहत: ‘उप रहें, चुप रहें’, पटना मेट्रो और सड़कों की हालत पर पर घेरा
सपा का आरोप
अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि 2022 के चुनावों में कई मतदाताओं के नाम साजिश के तहत काटे गए थे। उन्होंने भाजपा, चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों पर सांठगांठ का आरोप लगाया। सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ने 18,000 हलफनामे निर्वाचन आयोग को सौंपे थे, जिनमें से सिर्फ 14 का जवाब दिया गया, जबकि 17,986 हलफनामे बिना उत्तर के पड़े रहे।
यूपी में सियासत गरमाई; नाम लिये बिना अखिलेश यादव ने भाजपा पर कसा तंज
राजनीतिक हलचल और चुनावी माहौल
उत्तर प्रदेश में यह विवाद तब सामने आया है जब राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए तैयारियां चल रही हैं। इस समय पर राज्य चुनाव आयोग का एआई के जरिए डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाने का निर्णय महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इस कदम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। वहीं, समाजवादी पार्टी का आरोप यह भी है कि आयोग ने एकतरफा तरीके से केवल कुछ हलफनामों का जवाब दिया, जबकि सपा के अन्य हलफनामों को नजरअंदाज किया।