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अखिलेश यादव ने SIR के बहाने आरक्षण, नौकरी और संविधानिक अधिकार छीनने की साजिश का आरोप लगाया। महंगाई, बेरोजगारी और भाजपा सरकार पर हमला, 2027 चुनाव के लिए सपा ने चुनावी रणनीति तैयार की।
कानपुर देहात में अखिलेश यादव
Kanpur: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कानपुर देहात में स्थित मूसानगर और भोगनीपुर में आयोजित जनसभाओं में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR (सर्वे ऑफ इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन) के नाम पर आरक्षण, नौकरी और संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीनने की साजिश की जा रही है।
मतदाता सूची से लोगों के नाम काटने की तैयारी
अखिलेश यादव ने कहा, “बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने देश के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को संविधान के माध्यम से जो अधिकार दिए हैं, उन्हें SIR के बहाने छीना जा रहा है। यह लोगों के आरक्षण, नौकरी और मूल अधिकारों के खिलाफ एक सुनियोजित प्रयास है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज हैं, उनके मतदाता सूची से नाम काटने की तैयारी की जा रही है, जबकि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को बिना प्रशिक्षण के ही इस कार्य में लगाया जा रहा है।
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"युवाओं का भविष्य खतरे में"
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की नीतियों ने महंगाई और बेरोजगारी को चरम पर पहुंचा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता का जीवन यापन मुश्किल हो गया है और युवाओं के पास रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं हैं। उन्होंने कहा, “युवाओं का भविष्य खतरे में है, बेरोजगारी चरम सीमा पर है और इस सरकार की आर्थिक नीतियां आम जनता के लिए घातक साबित हो रही हैं।”
अखिलेश यादव ने भाजपा पर भी कई आरोप लगाए
उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया की योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से नशीली दवाओं का तस्कर दुबई भाग गया, वहीं नीट माफिया और शराब माफिया को भी संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने गंगा, यमुना, पांडु और काली जैसी नदियों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार इन नदियों को साफ करने में असफल रही है।
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चीन पर मेहरबान है भाजपा
सपा नेता ने चुनावी दृष्टिकोण से भी टिप्पणी की और 2027 के इंडिया गठबंधन के चुनाव जोरदारी से लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा चीन पर मेहरबान है और भारतीय जमीन के साथ बाजार को चीन के हाथों जा रहे हैं। अमेरिका के टैरिफ से भारत का कारोबार प्रभावित हो रहा है, जबकि अन्य देशों को फायदा मिल रहा है। उन्होंने कानपुर की पहचान को बहाल करने का वादा भी किया।
सुप्रीम कोर्ट में केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में SIR मामले पर चुनाव आयोग की भूमिका भी चर्चा में रही है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से एक दिसंबर तक जवाब मांगा है और स्टेट्स रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के इस कदम से दलित, पिछड़े और आदिवासी समुदायों के अधिकार खतरे में हैं और आने वाले चुनावों में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे SIR फॉर्म को समझने के बाद ही भरें और किसी दबाव में न आएं।
समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को 2027 के चुनाव में प्रमुख एजेंडा बनाने की रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी का दावा है कि SIR के बहाने किए जा रहे बदलाव लोकतंत्र पर हमला हैं और जनता इसका विरोध करेगी।