

जनपद बलिया में हवाई अड्डा निर्माण की दिशा में रसड़ा विधायक की ऐतिहासिक पहल रंग लाती दिख रही है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही बलिया में हवाई अड्डा का निर्माण आरम्भ हो जाएगा।
बलिया में हवाई अड्डा निर्माण की कवायद शुरू
बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद बलिया में हवाई अड्डा निर्माण की दिशा में रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की ऐतिहासिक पहल रंग लाती दिख रही है। उनके द्वारा की गई मांग के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से प्री फिजिबिलिटी स्टडी के लिए पत्र लिखा है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही बलिया में हवाई अड्डा का निर्माण आरम्भ हो जाएगा। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने प्रदेश सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि हम प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के हृदय से आभारी हैं। जिन्होंने बलिया में एयरपोर्ट निर्माण के हमारे आग्रह को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की।
पूरे पूर्वांचल के विकास की उड़ान...
बता दे कि बसपा विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने 25 मई 2025 को पत्र लिख कर हवाई अड्डा के निर्माण की मांग की थी। जिसमें उल्लेख किया था कि बलिया से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर गाजीपुर, 131 किलोमीटर की दूरी पर आजमगढ़ और 170 किलोमीटर की दूरी पर गोरखपुर और कुशीनगर का हवाई अड्डा है। 25 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश सरकार द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को बलिया में हवाई अड्डा स्थापित करने की संभावना का प्री फिजिबिलिटी स्टडी कराकर विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि यह निर्णय न केवल बलिया बल्कि पूरे पूर्वांचल के विकास की उड़ान है।
तेज़ हवाई कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री की इस त्वरित कार्रवाई पर मैं स्वयं एवं अपने रसड़ा विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों सहित समस्त बलियावासियों की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का आभार प्रकट करता हूं। श्री सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि बलिया में हवाई अड्डा निर्माण की प्रक्रिया को शीघ्रता से स्वीकृति प्रदान कर पूर्वांचल की इस बहुप्रतीक्षित मांग को साकार करें। बलिया में एयरपोर्ट की स्थापना से न केवल जनपद बलिया, मऊ, गाजीपुर, बल्कि बिहार राज्य के सीमावर्ती जिलों के लाखों नागरिकों को देश के कोने-कोने तक सुलभ, सुगम और तेज़ हवाई कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। यह कदम पूर्वांचल के समावेशी विकास का प्रतीक बनेगा।