

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार राज्य में पर्यटन सुविधाओं के सुधार की बात करते है। लेकिन इस बार सावन में जब हजारों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर जाएंगे तो उन्हें गंदगी, खराब सड़कों और जलभराव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री के दावों की पोल इस यात्रा के दौरान खुलने वाली है।
शिव भक्तों के लिए अग्निपरीक्षा
Farrukhabad News: सावन माह में हर वर्ष की तरह इस बार भी शिव भक्तों का हुजूम श्रृंगीरामपुर की ओर उमड़ेगा। 11 जुलाई से शुरू होने वाला यह कांवड़ मेला मध्यप्रदेश के भिंड, ग्वालियर, इटावा जैसे दूर-दराज़ के शहरों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, लेकिन इन श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा खुशियों से अधिक समस्याओं का कारण बन सकती है, क्योंकि श्रृंगीरामपुर की सड़कें इनकी आस्था के मार्ग में बाधा बन रही हैं।
श्रंगीरामपुर का धार्मिक महत्व
श्रंगीरामपुर, जिसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है, गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक चिंतन और साधना का केंद्र है, जहां लोग गंगा में पुण्य की डुबकी लगाते हैं और श्रृंगी ऋषि मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। इनकी यात्रा की खासियत यह है कि कांवड़ में जल भरकर श्रद्धालु यहां आते हैं और अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। श्रद्धालुओं के जत्थे हर सोमवार से पहले तीन दिन यहां जुटते हैं। मेला में हजारों की संख्या में शिव भक्त आते हैं, और यह श्रद्धा का पर्व होता है, जहां हर कोई भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखता है।
पर्यटन स्थल पर खतरनाक मार्ग
श्रंगीरामपुर का यह धार्मिक स्थल भले ही आस्थावानों के लिए महत्व रखता हो, लेकिन यहां की सड़कें इन श्रद्धालुओं के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं हैं। डायनामाइट न्यूज से बातचीत करते हुए पर्यटन विभाग के जिला कोऑर्डिनेटर संदीप कुमार चौरसिया ने बताया कि इस क्षेत्र में हर साल करीब 25,000 श्रद्धालु पहुंचते हैं। खासकर भिंड, ग्वालियर, मुरैना और आसपास के क्षेत्रों से शिव भक्त यहां आते हैं, लेकिन खराब सड़कें उनकी यात्रा को कठिन बना देती हैं। श्रंगीरामपुर पहुंचने का मुख्य मार्ग, फतेहगढ़-छिबरामऊ सड़क, जगह-जगह टूटी हुई है और बरसात में यह पूरी सड़क जलमग्न हो जाती है। ग्राम प्रधान अवनीश कुमार पिंटू यादव का कहना है कि इस मार्ग को शीघ्र ही ठीक किया जाना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।
गंदगी और कचरे का संकट
श्रंगीरामपुर की सड़कों पर जगह-जगह सीवरेज का पानी और गंदगी फैली रहती है, जो ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए अपितु स्थानीय निवासियों के लिए भी समस्याओं का कारण बनती है। बारिश के मौसम में इन गंदगी से भरे मार्गों से गुजरने में श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ता है, जो उनकी आस्था को भी चोट पहुंचाता है।
सड़क की दुर्दशा पर चिंता
श्रृंगीरामपुर-रजीपुर-उधरनपुर मार्ग की हालत और भी गंभीर है। यहां बारिश के दौरान तालाब की सफाई न होने के कारण सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे यात्रा में दिक्कतें आती हैं। यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होता। खराब सड़कें, गंदगी और जलभराव एक ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं, जो श्रद्धालुओं की यात्रा को असहनीय बना देती है।
मेले की व्यवस्था
श्रंगीरामपुर में हर साल कांवड़ मेला आयोजित किया जाता है, जहां श्रद्धालु जल भरकर मंदिरों में पूजा करने आते हैं। मेला के दौरान गंगा घाटों पर जनरेटर से पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था जिला पंचायत द्वारा की जाती है। दुकानदारों द्वारा कांवड़ सजाने का सामान भी उपलब्ध रहता है, जिससे श्रद्धालु अपनी यात्रा की तैयारी कर सकते हैं। हालांकि, सड़क की खराब स्थिति के कारण इन व्यवस्थाओं का प्रभाव कम हो जाता है।