

बांदा में संपत्ति विवाद और पिता की पांचवीं शादी के डर से बेटे ने हत्या कर दी। पुलिस जांच में बेटे और पिता के दोस्त की मिलीभगत सामने आई। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
दोनों आरोपी गिरफ्तार
Banda: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के नरैनी थाना क्षेत्र के हड़हा गांव में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां 22 वर्षीय बेटे ने अपने ही पिता की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या की वजह पिता की 5वीं पत्नी थी। इस हत्या में बेटे के साथ पिता का पुराना दोस्त भी शामिल था, जिसे उसने लालच देकर अपने साथ मिलाया।
45 वर्षीय मंसूर खान हड़हा गांव में रहते थे और उन्होंने जीवन में चार शादियां की थीं। दुर्भाग्यवश, चारों पत्नियों की मृत्यु हो चुकी थी। उनके परिवार में एक बेटा माशूक खान और एक दिव्यांग बेटी थी। माशूक की शादी हाल ही में लगभग आठ महीने पहले हुई थी।
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पुलिस के मुताबिक माशूक को यह डर सताने लगा था कि अगर पिता ने पांचवीं शादी कर ली तो प्रॉपर्टी में एक और हिस्सेदार जुड़ जाएगा। माशूक को पहले से ही इस बात की नाराजगी थी कि उसके दादा द्वारा उसके नाम की गई 6 बीघा जमीन में से उसके पिता ने 4 बीघा जमीन बेच दी और उसे महज 5 लाख रुपये ही दिए। साथ ही घर बनवाकर उसमें आधा हिस्सा खुद रख लिया।
बात यहीं तक नहीं रुकी। माशूक को जानकारी मिली कि उसके पिता मंसूर ने अपनी होने वाली पत्नी को पूरी संपत्ति देने का वादा कर दिया है। यह जानकर माशूक का गुस्सा फूट पड़ा और उसने पिता की हत्या की योजना बना ली। उसने अपने पिता के करीबी दोस्त इकबाल हुसैन (51) को भी इस साजिश में शामिल कर लिया। इकबाल भी मंसूर से नाराज था, क्योंकि मंसूर ने उससे 7 बिस्वा जमीन बेचने का वादा किया था, जो बाद में टाल दिया गया।
माशूक और उसकी पत्नी अपने कमरे में सोए थे, जबकि मंसूर पास के कमरे में सो रहे थे। रात करीब 1.30 बजे माशूक और इकबाल ने मिलकर मंसूर पर तमंचे से फायर कर दिया। गोली की आवाज सुनकर माशूक की बहन जागी, लेकिन उसे लगा कि शायद पटाखा फूटा है, इसलिए उसने ध्यान नहीं दिया। अगली सुबह सितंबर को माशूक ने खुद ही पुलिस को सूचना दी कि उसके पिता की हत्या हो गई है। पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और माशूक की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया।
जांच के दौरान जब पुलिस को माशूक के बयानों पर शक हुआ तो उसे हिरासत में लिया गया। कड़ी पूछताछ के बाद माशूक टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने इकबाल हुसैन की मिलीभगत से हत्या करना स्वीकार किया। दोनों को 2 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।