

फतेहपुर के कसियापुर गांव में स्क्रब टाइफस के संदिग्ध मामले में मनीष उमराव की मौत हो गई। वे लखनऊ के अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। मौत की खबर से गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
मनीष उमराव उर्फ गुड्डा का फाइल फोटो
Fatehpur: फतेहपुर जिले के जाफरगंज थाना क्षेत्र स्थित कसियापुर गांव से एक दुखद घटना सामने आई है। गांव निवासी मनीष उमराव उर्फ गुड्डा (35) की मंगलवार शाम इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। लगभग 20 दिन पहले बनारस यात्रा के दौरान उन्हें एक अज्ञात जहरीले कीड़े ने काट लिया था, जिसे डॉक्टरों ने संभावित स्क्रब टाइफस संक्रमण से जोड़कर देखा।
शुरुआती इलाज कानपुर के एक निजी अस्पताल में किया गया, लेकिन स्थिति में सुधार न होने पर परिजन उन्हें लखनऊ के अपोलो अस्पताल ले गए। जहां कई दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए मनीष ने मंगलवार रात करीब 8:30 बजे अंतिम सांस ली।
मनीष उमराव का परिवार इस दुखद घटना से टूट गया है। वे अपने पीछे पत्नी प्रतिभा उमराव और दो मासूम बच्चे 8 वर्षीय अभिनव और डेढ़ वर्षीय कृष्णाको छोड़ गए हैं। परिवार में अचानक आई इस विपदा ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया है।
बुधवार सुबह जब मनीष का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। हर आंख नम थी और पूरे गांव में मातम पसरा हुआ था। परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीणों की भारी भीड़ ने उन्हें अंतिम विदाई दी। सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में विधिपूर्वक उनका अंतिम संस्कार किया गया।
फतेहपुर में इलाज के लिए दर-दर भटकता रहा परिवार, अंत में मासूम माही की मौत, जिम्मेदार कौन?
स्क्रब टाइफस एक गंभीर जीवाणुजनित संक्रमण है, जो ऑरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमित कीड़ों (ज्यादातर टिड या घुन) के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द और अंगों में सूजन शामिल है। इलाज न होने पर यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है।
मनीष की मौत के बाद ग्रामीणों में डर का माहौल है। गांववासियों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों को लेकर गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाए और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी जांच की सुविधा दी जाए। साथ ही कीट नियंत्रण के लिए छिड़काव और साफ-सफाई को प्राथमिकता देने की अपील की गई है।